Uttarakhand News

पिथौरागढ़ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया संचालित करेगी

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Uttarakhand News: Airport: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की हवाई सेवाओं और सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अहम निर्णय लिया है। इसके तहत उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ और चमोली जिले के गौचर हवाई पट्टियों का संचालन अब भारतीय वायुसेना के हाथों में होगा। वहीं, पिथौरागढ़ का नैनी सैनी एयरपोर्ट अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) संचालित करेगी। इस एयरपोर्ट के विस्तार पर लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।

आपदा प्रबंधन और सीमाई क्षेत्र में मजबूती

उत्तराखंड हर साल भूस्खलन, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता है। ऐसे में राहत-बचाव कार्यों के लिए हवाई सेवाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार भारत-चीन सीमा से लगे इलाकों में हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर भी विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में हवाई नेटवर्क का विस्तार अनिवार्य है और इसमें वायुसेना का सहयोग लिया जा रहा है।

पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का विस्तार

राज्य सरकार और AAI के बीच MoU पर सहमति बन चुकी है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने के लिए 450 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके साथ ही गुंजी से आदि कैलाश तक हवाई सेवाएं शुरू करने की भी योजना है। इसके लिए एक 1 किलोमीटर लंबी नई हवाई पट्टी का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें भारतीय वायुसेना तकनीकी सहयोग करेगी।

चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टी का महत्व

चिन्यालीसौड़ एयरस्ट्रिप वायुसेना और सेना की प्राथमिकता में लंबे समय से रही है। यहां नियमित रूप से वायुसेना के लड़ाकू और मालवाहक विमानों की लैंडिंग व टेकऑफ का अभ्यास होता है।

गौचर हवाई पट्टी का महत्व वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान सामने आया था। तब यहां से हेली सेवाओं के जरिए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।

इन योजनाओं के लागू होने से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में हवाई संपर्क और अधिक सुदृढ़ होगा। साथ ही आपदा प्रबंधन और सीमाई सुरक्षा के लिहाज से भी यह कदम राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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