पिथौरागढ़ :जिला एवं सत्र न्यायाधीश में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। साढ़े चार वर्षीय सौतेली बहन का कई महीनों से शारीरिक उत्पीड़न कर रहे युवक को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। मामला कुछ महीने पहले ही सामने आया था। पुलिस ने जिस युवक को गिरफ्तार किया था वह मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था।उसने अपनी ही साढ़े चार वर्षीय सौतेली बहन का शारीरिक शोषण किया। पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद बच्ची से पूछताछ और जांच की तो शारीरिक शोषण की पुष्टि हुई। पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर छह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
आरोपी नेपाल के जिला बजांग निवासी है। उसके माता-पिता और पत्नी का निधन हो गया था। इसके बाद वह साढ़े चार साल की सौतेली बहन और दो बच्चों को लेकर भारत आया । वह पिथौरागढ़ के पंडा जाजरदेवल थाना क्षेत्र में रहता था। वह अपनी सौतेली बहन से छह महीने से दुष्कर्म कर रहा था।मामला सामने तब आया जब बच्ची भाई से बचने के लिए अपने परिचित के घर चले गई। पुलिस ने उसे तीन अप्रैल को गिरफ्तार किया और न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया था। एसआई मेघा शर्मा ने मामले की जांच कर न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए थे। कोर्ट ने पीड़िता समेत दोषी के दोनों बच्चों को न्यायालय के संरक्षण में एक संस्था में भेज दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी पाया है और उसे दो आरोपों में सजा सुनाई। धारा 376ए और बी के मामले में फांसी और पांच हजार रुपये का जुर्माना जबकि धारा 323 के दोष में एक साल की सजा और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।