पिथौरागढ़: जो लोग दुनिया से विदा हो जाते हैं, दुख उनको नहीं होता। बल्कि दुख उनको होता है जो रोने के लिए पीछे रह जाते हैं। पिथौरागढ़ में रविवार को एक बड़े हादसे ने अंजाम लिया था। दादी-पोती काली नदी में बह गए थे। अब एसडीआरएफ की टीम ने 8 वर्षीय पोती का शव बरामद कर लिया है। दादी का अब भी अता पता नहीं चल सका है। उधर परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
सीमू गांव निवासी सुरेश रावत की आठ वर्षीय बेटी लतिका रावत प्राइमरी स्कूल कानड़ी में कक्षा तीन में पढ़ती थी। रविवार को गांव के अरुण चंद का मुंडन संस्कार था। जिसके लिए लतिका अपनी 55 वर्षीय दादी तारा देवी के साथ महाकाली नदी के किनारे स्थित लाटेश्वर मन्दिर में पहुंची।
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प्यास लगने पर जब लतिका पानी पीने नदी के किनारे गई तो उसका पैर फिसल गया। नदी में अपनी पोती को बहता देख दादी ने भी छलांग लगा दी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को सूचना देर से इसलिए मिली क्योंकि वहां संचार की व्यवस्था नहीं थी। परिवार को जानकारी मिली तो परिवार टूट गया। परिवार में हड़कंप मच गया।
फौरन एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। पूरा दिन रेस्क्यू ऑपरेशन करने के बाद टीम को लतिका का शव मिला। शव बरामदगी की जानकारी मिलते ही परिजनों की सारी उम्मीदें खत्म हो गई। अब उनकी लाडली बेटी लतिका इस दुनिया से विदा हो चुकी थी। बहरहाल दादी का अब तक पता नहीं चल सका है।
पूरे परिवार में बेटी के इस तरह जाने से और दादी के अब तक ना मिलने से भयंकर मातम पसरा है। आंसु रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। धैर्य होगा भी कैसे वो कहते हैं ना कि बेटियां घर की जान होती हैं। अगर जान ही चले जाए तो बेशक़ ज़िंदगी मुश्किल हो जाती है।
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