पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुधरने का इंतजार हर किसी को है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के नहीं होने से इलाज वक्त रहते नहीं मिल पाता है और कई परिवार वक्त से इलाज नहीं मिलने की वजह से बड़ी हानि झेल चुके हैं। एक मामला पिथौरागढ़ के मुनस्यारी की ग्राम पंचायत पातों से सामने आया है। इलाज नहीं मिलने की वजह से महिला ने बच्चे को खेत में ही जन्म दे दिया है। इसके कुछ देर बाद मेडिकल टीम पहुंची और नवजात को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि वह हेलिकॉप्टर का इंतजार कर रहे थे और वह वक्त में नहीं पहुंचा।
जानकारी के अनुसार मुनस्यारी ब्लॉक के पातों गांव निवासी लक्ष्मी देवी (25) पत्नी श्याम सिंह दरियाल को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई।ग्रामीणों ने इलाज के संबंध में विधायक को जानकारी दी। विधायक हरीश धामी ने प्रशासन को फोन किया जिसके बाद हेलिकॉप्टर को पातों गांव भेजा गया। इस बीच महिला की प्रसव पीड़ा काफी बढ़ गई और उसने खेत में बच्चे को जन्म दे दिया।
हेलिकॉप्टर के समय पर नहीं पहुंचने से महिला ने खेत में ही बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हेलिकॉप्टर महिला को लेकर पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचा, जहां महिला का इलाज चल रहा है। इस पर लोगों ने विधायक को फोन पर मामले की जानकारी दी। करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत करार दे दिया। इसके बाद हेली से महिला को पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की स्थिति खतरे से बाहर है। आशा कार्यकर्ता खीला देवी ने बताया कि गर्भ में बच्चा उल्टा फंस गया था जिसे मुश्किल से निकाला गया।
दूसरी ओर एसडीएम धारचूला नंदन कुमार का कहना है कि हेलिकॉप्टर के पायलट को वेदर क्लीयरेंस मिलने में थोड़ा समय लगा। हालांकि हेली समय से पहुंच गया था। बच्चा मृत ही पैदा हुआ था। इलाज नहीं मिलने की वजह से नवजात की मौत हो गई और यह मामला काफी चर्चाओं में है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हेलिकॉप्टर समय पर पहुंच जाता तो नवजात की जान बच जाती।