PM Modi in Varanasi: अपने काशी प्रवास के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण कर सभी सनातनियों को महादेव की नगरी से दिया एक और विशेष उपहार। अपने सम्बोधन में स्वर्वेद महामंदिर की भव्यता को आश्चर्यजनक बताते हुए प्रधानमंत्री ने गुलामी के काल खंड को भी अपने सम्बोधन में शामिल किया और हज़ारों की संख्या में उपस्थित भक्तजनों को बताया कि गुलामी के समय हमारी सांस्कृतिक प्रतीकों, चिह्नों व आस्था स्थलों को आक्रांताओं ने अपना निशाना बना कर सभी भारतवासियों को मानसिक रूप से कमज़ोर करने का पूरा-पूरा प्रयास किया।
आज़ादी के सात दशकों बाद जब वही काल चक्र घूमा और देश को सशक्त और आस्थावान नेतृत्व मिला तो आज पूरा देश अपने प्रतीकों, अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ता हुआ नज़र आता है और अपनी आस्था तथा श्रद्धा की गर्व से घोषणा भी करता है फिर चाहे वो देश में हो या विदेश में।
अध्यात्म के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश व पूरे भारतवर्ष में हुए अभूतपूर्व विकास को भी संक्षिप्त में समझाया और बताया कि बिना इंफ्रास्ट्रक्चर बिना रोड और प्लानिंग के अभाव में यह ‘विकास यात्रा’ बस वैसी ही एक कल्पना बनी रहती जो आजादी के कई दशकों तक बनी रही थी. जनता का विश्वास किसी भी देश को आगे बढ़ाता है लेकिन दशकों तक जनता के साथ हुए खिलवाड़ ने हमारे भारत के स्वर्णिम इतिहास को धुंधला कर दिया जो आज दोबारा अपनी चमक वापस प्राप्त कर रहा है।
जहाँ एक तरफ उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं कि 80 हराओ भाजपा हटाओ… वहीँ मोदी-योगी की जोड़ी कहती है पूरे गर्व के साथ जय श्री राम का नारा लगाओ, 22 जनवरी 2024 को होने जा रहे राम मंदिर उदघाटन को चुनाव के साथ भले कितना भी जोड़ा जा रहा हो लेकिन विश्व के हर कोने में बैठा सनातनी इस भव्य उदघाटन को अपनी वैचारिक और श्रद्धा की जीत मान रहा है जिसे स्वरवेद मंदिर के लोकार्पण के सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने भी सार्थक रूप से उठाया।