India Book of Records: Praveen Rana Uttarkashi: Praveen Rana Mountaineer: Praveen Rana Everester:
दुनिया के लिए पहाड़ चढ़ना होती होगी हार मान लेने की वजह लेकिन उत्तराखंड वासियों के लिए यह रोजाना का काम है। पहाड़ से भी ऊँचे इरादे रखने वाले यहाँ के कई युवाओं ने अनेकों रिकॉर्ड बनाए है। कुछ रिकॉर्ड ऐसे हैं जो उनकी बुद्धिमता का परिचय देते हैं, कुछ साहस का, कुछ उनके बल का। साथ ही एक रिकॉर्ड ऐसा भी है जिसके आगे पहाड़ सर झुकाने पर मजबूर हो गए हैं। जी हाँ, आज हम बात करेंगे देवभूमि उत्तराखंड के एक ऐसे ही साहसी युवा की, जिसने विश्व की ऊँची-ऊँची पहाड़ की चोटियों पर भारत का ध्वज लहरा कर रिकॉर्ड बना दिया है।
हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के उत्तरकाशी असीगंगा घाटी, ढासड़ा गांव निवासी प्रवीण राणा की। प्रवीण ने अपने मजबूत हौसलों और ऊंचे इरादों के साथ सबसे पहले माउंट एवेरेस्ट पर सफल आरोहण कर विजय ध्वज लहराया था। विश्व के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुँचने के बाद भी प्रवीण को संतुष्टि नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने अफ्रीका, यूरोप व आस्ट्रेलिया महाद्वीपों में मौजूद सबसे ऊंचे शिखरों पर पहुँचने का मन बनाया। बता दें कि उत्तराखंड के प्रवीण इन सभी महाद्वीपों में ऊंची से ऊंची चोटियों पर सफल आरोहण कर भारत का विजय ध्वज लहरा चुके हैं। प्रवीण अब तक विश्व की 6 चोटियों पर सफल आरोहण कर चुके हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि इनमें से 4 चोटियां उन चार महाद्वीपों में सबसे ऊँची चोटियां हैं।
प्रवीण की इस विराट उपलब्धि को देखते हुए इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड ने प्रवीण से सफल आरोहण के प्रमाण मांगे। सभी प्रमाण मिलने पर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड ने प्रवीण के सफल आरोहण को प्रमाणित कर दिया। साथ ही उन्होंने प्रवीण के नाम एक सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है। प्रवीण की यह उपलब्धि उनके परिवार के लिए ख़ुशी और गर्व का पल तो है। साथ ही यह सफलता उत्तराखंड के पर्वतों से भी ऊँचे हौसलों और इरादों को दर्शाती है।