नैनीताल: भारत के दूरस्थ इलाकों में चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की हालत कैसी है, यह समय-समय पर होने वाली घटनाओं से पता चलता है। इस बार नैनीताल जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर भूमियाधार में एक गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जानकारी के अनुसार 2 घंटे के इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। जिसके बाद परिजन महिला को अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन उसने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
जानकारी के मुताबिक मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य गर्भवती थी। अब सुबह 9:00 बजे जब निर्मला आर्य को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो 108 एंबुलेंस पर फोन किया गया। 10:00 बजे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया मगर एंबुलेंस नहीं आई। इसके बाद परिजन प्रसूता को सड़क तक लाने की कोशिश करने लगे। लेकिन महिला ने इसी बीच रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
आशा कार्यकत्री हंसी टम्टा ने जानकारी दी और बताया कि प्रसूता के फोन आने के बाद वह उनके घर गई। बाद में 108 को फोन किया। लेकिन 1 घंटे बाद तक भी एंबुलेंस वहां नहीं आई थी। एंबुलेंस वालों का कहना था कि टायर पंक्चर हो गया है। इधर सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि जब वह बाजार जा रहे थे तो सड़क में कुछ महिलाओं की भीड़ दिखी। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस का इंतजार कर रहे परिजन बाद में महिला व बच्चे को सीएचसी भवाली लेकर आए।
उन्होंने यह भी बताया कि नौ से 11 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। भवाली स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर अरीता सक्सेना ने बताया कि महिला ने सात माह में बच्चे को जन्म दिया है। फिलहाल मां-बच्चे को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया है। बता दें कि एंबुलेंस की व्यवस्था को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। सीएमओ नैनीताल डॉ भागीरथ जोशी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। एंबुलेंस का टायर पंक्चर होना कोई बहाना नहीं होता। कंपनी को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।