देहरादून: प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा शुरू की है। खुशियों की सवारी सेवा वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया गया है। गौरतलब है कि दूरस्थ इलाकों से अस्पताल पहुंचने की मशक्कत अब पहले से कुछ कम होगी। बता दें कि गर्भवती महिलाओं के अस्पताल आने-जाने का खर्चा सरकार वहन करेगी।
उत्तराखंड में इन दिनों योजनाओं की लड़ी लगी हुई है। रोजाना नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। कुछ पुरानी मगर अहम योजनाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने चार साल बाद खुशियों की सवारी सेवा को शुरू करने का प्लान बना लिया है।
बता दें कि मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को अस्पताल से घर तक नि:शुल्क छोड़ने के लिए खुशियों की सवारी सेवा वाहन को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौके पर मौजूद रहे।
दरअसल खुशियों की सवारी सेवा वाहन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने-जाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस मौके पर डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार गर्भवती महिलाओं के सरकारी अस्पताल आने-जाने की निशुल्क व्यवस्था करेगी।
उन्होंने साफ किया कि अगर किन्हीं वजहों से एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाती है तो प्राइवेट वाहन से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल भेजा जाएगा। जिसका खर्चा सरकार ही उठाएगी। गौरतलब है कि सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित स्वास्थ्य संवाद-2021 में स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने तमाम घोषणाएं कीं।
इस दौरान मंत्री ने विभाग में रिक्त चल रहे तमाम लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय के पदों को एक महीने के अंदर भरे जाने की बात कही। बताया कि सरकारी अस्पतालों में फ्री डायलिसिस के ऐसे मरीजों को आने जाने की भी फ्री सेवा मिलेगी। डॉ.रावत ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की मॉनिटिरिंग के लिए राज्य से ग्राम स्तर तक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
खास बात ये भी कही कि राज्यभर में 600 स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाएगा। इनमें से पहाड़ी क्षेत्रों में 10-10 तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में 5-5 स्वास्थ्य मेले लगाए जाएंगे। सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों को फ्री दवा दी जाएगी। उन्होंने इस मामले में सख्ती बरतने के निर्देश भी दिए कि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवा नहीं लिखेगा।