Uttarakhand news: Priyanka Bisht: उत्तराखंड में लगातार पलायन हो रहा है। यहां की युवा पीढ़ी बढ़ती दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए दूसरे राज्यों की तरफ खींचे चले जाते हैं। बेहतर नौकरी की तलाश में पहाड़ की युवा पीढ़ी भले ही दूसरे राज्यों को चले तो जाती है लेकिन उनका दिल हमेशा से ही अपने पहाड़ों में बसा होता है। ऐसे कई उदाहरण आपको अकसर देखने को मिल जाएंगे जो अपनी अच्छी सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर अपने घरों को वापस आते हैं। और अपने गांव में अपने कारोबार की शुरूआत करके अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं। और सैंकड़ो युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं। ऐसी ही एक बेटी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से चाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला लिया। हम बात कर रहे हैं टिहरी में थौलधार ब्लॉक की रहने वाली प्रियंका की। ( Priyanka Bisht prepared 105 formulas of herbal tea )
वेदावी हर्बल टी के नाम से बनाया ब्रांड
बता दें कि टिहरी में थौलधार ब्लॉक की रहने वाली प्रियंका बिष्ट ने बॉटनी से एमएससी की पढ़ाई की है। और अब वे हर्बल टी के फॉर्मूले को लेकर बाजार में उतरी हैं। करीब तीन साल की रिसर्च के बाद उन्होंने 105 तरह की चाय के फॉर्मूले तैयार कर लिए हैं। हालांकि अभी प्रियंका ने 18 तरह की चाय बाजार में लॉन्च की हैं, जिन्हें वह सेहत वाली चाय का नाम देती हैं। प्रियंका ने वेदावी हर्बल टी के नाम से अपने उत्पाद को बाजार में उतारा है। ( Priyanka Bisht From Tehri prepared 105 formulas of herbal tea )
इन उत्पादों का होता है उपयोग
प्रियंका का हर्बल टी को लेकर मकसद लोगों को सेहत वाली चाय से रूबरू करवाना है। और उन्होंने जितनी भी चाय अभी तक बाजार में उतारी हैं, वो सभी सेहत के लिए काफी अच्छी हैं। प्रियंका ने चाय का फार्मूला बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखा है कि हर्बल उत्पाद को हर आयु के लोग पसंद करें। चाय को बनाते समय उत्तराखंड के कई उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कंडाली घास, बुरांश पुष्प, कैमोमाइल, गुलाब, रोस्पेटल्स, अश्वगंधा, तुलसी और पुदीना समेत करीब 60 से 70 तरह की जड़ी बूटियां इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा कश्मीर, हिमाचल और कोलकाता से लेकर नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों से भी विशेष जड़ी बूटियों के बेहतर उत्पादों को लाया जाता है। ( These products used in herbal tea )
कई लोगों को मिल रहा रोजगार
प्रियंका के इस बेहतरीन स्टार्टअप से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। प्रियंका का कहना है कि जिस तरह असम चाय के लिए प्रसिद्ध है, वैसे ही उत्तराखंड भी जल्द ही हर्बल चाय का केंद्र बनेगा। असम में चाय को लेकर रिसर्च के दौरान उन्होंने देखा कि चाय की एक पत्ती से करीब 3000 तरह की चाय बन रही हैं। और उत्तराखंड में तो जड़ी बूटी और औषधीय पौधों के हजारों उत्पाद हैं। इन उत्पादों से वह कई तरह की चाय के फार्मूले बनाने पर आगे भी काम करती रहेंगी। और उत्तराखंड को हर्बल चाय का केंद्र बनाने में काम करते रहेंगी। प्रियंका को ना केवल देहरादून से बल्कि देश के कई दूसरे राज्यों से बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रियंका को जापान से भी अपना पहला ऑर्डर मिला है। ( Priyanka got her first order from Japan )