लालकुआं: बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की लड़ाई अब सड़कों पर उतर आई है। बुधवार को काररोड स्थित जड़ सेक्टर मैं स्कूल परिसर में बिन्दुखत्ता के हजारों लोग ने अपनी मांगों के लिए मार्च किया। वहीं सभी ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजे भी की। लोगों का कहना है कि सरकार बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने की बात करती रही और अब उसे अतिक्रमण की सूची में रख दिया। साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक डॉ मोहन बिष्ट द्वारा कई वादे किए गए लेकिन अब वह आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। क्या बिंदुखत्ता की जनता केवल वोट प्राप्त करने के लिए है।
आंदोलन कर रहे लोगों ने कहा कि अगर हमारे मांगे पूरी नहीं हुई तो लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा तैयार रहे। बिंदुखट्टा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक इंद्र सिंह पनेरी ने कहा कि विधायक मोहन सिंह बिष्ट पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन को कुचलने की पूरी कोशिश हुई है। गांव में लाउडस्पीकर से लोगों में भ्रम डालने का प्रयास किया गया। बिंदुखत्ता की जनता अब अपना इस्तेमाल नहीं होने देगी। यहां पूर्व सैनिकों के परिवार निवास करते हैं और उनके साथ विश्वासघात करना बेहद गलत है। आंदोलन में आए ज्यादातर लोगों में विधायक द्वारा 1 दिन पूर्व गांव में अनाउंसमेंट कराने की बात कही।
बिन्दुखत्ता राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर जनसैलाब तहसील परिसर में पहुंचा। जहां उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्व विधायक हरीश चंद्र दुर्गापाल, हरेंद्र बोरा, संध्या डालाकोटी, राजेंद्र खनवल, हरीश बिसौती, सहित कई लोगों ने जनता को संबोधित किया।
इस दौरान उप जिला अधिकारी मनीष कुमार ने भी जनता के समक्ष पिछले दिनों सोशल मीडिया में बिन्दुखत्ता को लेकर वायरल हुए पत्र को लेकर कहा कि जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट कहा है कि जो पुरानी बसावट हैं उन को नियमित करने के सरकार प्रयास कर रही है तो ऐसे में बिंदुखत्ता को अतिक्रमण कहा जाना गलत है।