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पिथौरागढ़ के ध्रुव सिंह महर को दीजिए बधाई, भारतीय सेना में बनें अफसर


Uttarakhand NDA: Pithoragarh Success Story: Motivation For Youth:

उत्तराखंड को देवों की भूमि के साथ-साथ रक्षकों की भूमि भी कहा जाता है। यह धरती उन वीरों की भूमि है, जो भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देने का गौरव प्राप्त करते हैं। उत्तराखंड के हर दूसरे घर से एक संतान भारतीय सेना में सेवा दे रही होती है, जो न केवल गर्व की बात है बल्कि प्रेरणादायक भी है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, ध्रुव सिंह महर ने भारतीय सेना में अफसर बनने का अपना सपना पूरा किया है।

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तीन पीढ़ियों से सेना में सेवा
ध्रुव सिंह महर का परिवार भारतीय सेना में सेवा देने की गौरवमयी परंपरा से जुड़ा हुआ है। 81 वर्षीय नंदन सिंह महर का परिवार तीन पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नंदन सिंह के बेटे, कर्नल महिपाल सिंह भारतीय थल सेना में सेवा दे रहे हैं, जबकि उनके छोटे बेटे, करनपाल सिंह महर भारतीय नौसेना में तैनात हैं। इसके अलावा, महिपाल सिंह के बड़े बेटे, प्रतीक सिंह महर भारतीय वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत हैं। अब, ध्रुव सिंह महर ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया और 30 दिसंबर को NDA खड़गवासला से पास आउट होकर सेना में अफसर बनने का सपना पूरा किया है।

प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा
उत्तराखंड में कई ऐसे परिवार हैं जो पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहे हैं। इन परिवारों के लिए यह केवल एक पेशा नहीं बल्कि एक सम्मान है। ध्रुव सिंह महर ने अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश सेवा की ओर एक और कदम बढ़ाया है। उनकी सफलता ना केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणादायक है। ध्रुव की इस उपलब्धि पर हर कोई गर्व कर रहा है और उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। ध्रुव सिंह महर की सफलता ने उत्तराखंड के उन परिवारों के लिए एक नई मिसाल पेश की है, जो पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। उनका समर्पण और मेहनत न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए गर्व का विषय है।

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