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चारधाम: कैसे लगा QR कोड, जांच के बाद सामने आई सच्चाई


देहरादून: श्री बदरीनाथ और श्री केदरनाथ मंदिर परिसरों में पेटीएम के क्यूआर स्केनर कोड लगाने के मामले जांच के बाद तस्वीर साफ हो गई।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पेटीएम ने डिजिटल दान हेतु देश के विख्यात मंदिरों में क्यूआर कोड की सुविधा उपलब्ध कराई है।

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इसी के तहत पेटीएम ने बीकेटीसी के साथ साल 2018 में अनुबंध किया था तब से निरंतर श्रद्धालुओं को qr-code के माध्यम से दान करने की सुविधा दी जा रही है।

पेटीएम की ओर से वर्तमान यात्रा काल में भी केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में क्यूआर कोड लगाए गए लेकिन इसकी जानकारी बीकेटीसी के अधिकारियों को नहीं दी गई।

मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बीकेटीसी के अधिकारियों ने क्यूआर कोड को तुरंत हटा दिया। बीकेटीसी ने प्रकरण की अपने स्तर से भी जांच की और किसी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका के चलते पुलिस को लिखित में शिकायत सौंपी। जांच शुरू हुई तो पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों से भी संपर्क किया गया। बीकेटीसी पेटीएम के इस कदम से काफी नाराज दिखी और पेटीएम में भी अपनी गलती स्वीकारी है।

मंदिर प्रशासन द्वारा अपनी जांच में पाया गया है कि पेटीएम के माध्यम से अनुबंध होने के पश्चात से अब तक मंदिर समिति को 67 लाख रुपए दान के रूप में प्राप्त हुए हैं।

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