उदयपुर राजस्थान में चुनावी माहौल जारी है, इसी चहल पहल के बीच बीजेपी ने दीपावली से पहले एक बड़ा धमाका किया है । वल्लभनगर में होने वाले उपचुनव से पहले बीजेपी पार्टी के अंदर एक बड़ा फैसला लिया गया है । आरएलपी प्रत्याशी उदय लाल डांगी के साथ दिपेन्द्र कुंवर को पार्टी से बर्ख़ास्त कर दिया गया है । जानकारी के मुताबिक उदयलाल डांगी और महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और जनता सेना प्रत्याशी रणधीर सिंह भिंडर की पत्नी दीपेंद्र कुंवर को 6 वर्ष के लिए भाजपा की सदस्यता से निष्कासन का आदेश जारी किया गया है । बता दे की कुछ दिन पहले ही इन नेताओं ने चुनाव के वक्त बीजेपी की टिकट मांगी थी ।
खबरों के मुताबिक प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के आदेशों का हवाला देते हुए शुक्रवार शाम तीनों नेताओं को भाजपा की सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही पार्टी के फैसले की जानकारी उदयपुर भाजपा देहात जिला अध्यक्ष भंवरसिंह पंवार को भी दे दी गई है। इस बड़े और अचानक लिए फैसले का कारण भी काफी ठोस नजर आता है । दरअसल पार्टी के नेता का दावा है कि तीनों कार्यकर्ता संगठन के खिलाफ जाकर अन्य प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे थे। जो की धोखे की श्रेणी में आता है इसी वजह से पार्टी ने निष्कासित करने का फैसला लिया है। जो की पूर्णरूप से सही समय पर और सही तरीके से लिया गया है ।
बताते चले की उदय लाल डांगी ने बीजेपी से टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने जब टिकट देने से इंकार कर दिया तो डांगी ने तेवर दिखाते हुए आरएलपी का दामन थाम लिया । आरएलपी से उन्होंने नामांकन दाखिल किया । डांगी ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने उनकी मेहनत की कद्र नहीं की और पार्टी छोड़ने का दुख उनकी बजाय पार्टी के उन नेताओं को होना चाहिए, जिन्होंने उनका टिकट काटा है ।
वही दूसरी तरफ दीपेंद्र कुंवर अपने पति और जनता सेना प्रत्याशी रणधीर सिंह भिंडर के साथ प्रचार कार्य में जुटी हुई थीं। माना जाता है की दिपेंद्र पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की काफी करीब भी समझी जाती है । इसीलिए कहा गया है कि “अब सांप तो होवे सांप, डंसना होवे धर्म राजनीति का यह धर्म ही कहलावे कुकर्म।” इस फैसले के बाद एक बार फिर राजस्थान की सियासी दिवारों में झटको की वजह से दरार आ गई है ।