नई दिल्ली: बालक मन कितना कोमल होता है उसमें हजारों चीज़ो को जानने की तत्पर्ता हमेशा बनी रहती है । ऐसे ही कई अनेक सवाल इस अवस्था में जन्मतें है जिसका जवाब स्वयं बड़े कभी -कभी नहीं दे पाते । अब सोचीए यही बालक मन से उपजे सवाल राष्ट्र के नाम पर पूछे जाए तो क्या होगा । यह जानने के लिए एक पल को सभी व्याकुल होंगे की आखिर देश की स्थिति पर एक बालक क्य़ा सोचता है ।
यही चेतना को खत्म करने के लिए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और राजस्थान विधानसभा के तत्वावधान में 14 नवंबर बाल दिवस पर विधानसभा में बच्चों के लिए विशेष सत्र का आयोजल किया जाएगा । सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक के सत्र में बच्चों को विधायकों का स्थान देकर सवाल करने का मौका दिया जाएगा । बच्चे विधायकों की तरह मंत्रियों से सवाल करेंगे विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह के सत्र के शुरूआत की गई है ।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी की पहल पर इस बाल विधानसभा के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला होंगे। इसमें देश के 15 राज्यों के 200 बच्चों का चयन किया गया है। बच्चों की सरकार कैसी हाेनी चाहिए, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी बिजली आदि मुद्दों पर 15 राज्यों से आए अपने बच्चे विचार और अपनी बात रखेंगे । बच्चे ही पक्ष-विपक्ष के रोल को अदा करेंगे।और जोरदार मुद्दों पर बहस भी होगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बच्चों के नाम संबोधन भी हाेगा। टाॅप तीन बालकाें में पुरस्कार दिए जाएंगे।
डाॅ. सी पी जोशी ने कुछ माह पहले इसकी पहल की थी दरअसल विधानसभा अध्यक्ष के दिमाग में यह विचार डिजिटल बाल मेले का नवाचार करने वाली एक बालिका से मिला था। जयपुर के सवाईमानसिंह विद्यालय की कक्षा 6 की छात्रा जान्हवी शर्मा ने लॉकडाउन के समय बच्चों में रचना धर्म और सृजन को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयोग किया था। इसी को देखते हुए जोशी ने बच्चों के बालसत्र की पहल की और अब वह भी यह देखने के लिए उत्सुक है की बच्चों की मोह भरी किलकारियों की जगह कैसे गरम- नर्म मुद्दो पर बहस करने की आवाज़े सभा में गुजेंगी ।
फ्यूचर सोसायटी, एलआईसी और आईडीबीआई बैंक द्वारा आयोजित बाल मेले में बच्चों का चयन प्रक्रिया की गई थी । अलग- अलग राज्यों से 200 बच्चों का चयन कर लिया गया है । इसी सूची में राजस्थान के बाड़मेर जिले के बीदासर गांव के निवासी 7 वर्षीय रणज्योत महाराजा सवाई मानसिंह का भी चयन हुआ है । रणज्योत तीसरी कक्षा के छात्र है और वह भी इस बालसत्र का हिस्सा होने जा रहे है । स्कूल से लिंक आने के बाद स्वयं रणज्योत ने पूयर एज्युकेशन, चाइल्ड सेफ्टी और पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर एक वीडियो डेढ़ मिनट का बनाकर भेज दिया। इसके बाद बाल दिवस पर राजस्थान विधानसभा में आयोजित होने वाली विशेष बाल सत्र में चयनित कर लिया गया ।
साथ ही आगामी बच्चों के विशेष सत्र में बच्चों को एक दिवसीय मंत्री, विधायक एवं मुख्यमंत्री तक का गरिमामयी पद भी दिया जाएगा। इसके पीछे उनकी मंशा है कि बच्चे विधानसभा में पहुंचकर बताएं कि उनकी सरकार को किस क्षेत्र में कदम उठाने की आवश्यकता है। शायद बच्चो की सरकार से असली सरकार को कुछ सीखने का मौका मिलेगा।