
Rajat Joshi: IMA: NDA: Indian Army: हल्द्वानी के निवासी रजत जोशी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्रतिष्ठित इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) से सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर रजत अब भारतीय सेना की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
रजत जोशी ने इससे पहले संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा उत्तीर्ण की और कठिन सैन्य प्रशिक्षण के बाद यह उपलब्धि हासिल की। उनकी यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वे पहले भारतीय कोस्ट गार्ड में चयनित हुए थे और करीब छह माह तक वहां सेवा दी। हालांकि, सैन्य अधिकारी बनने का उनका सपना और जुनून उन्हें आईएमए तक ले गया, जहां से पासआउट होकर वे लेफ्टिनेंट बने।
रजत एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां देशसेवा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है। उनके दिवंगत दादा खेमानंद जोशी ने 17 कुमाऊं रेजिमेंट में सेवा कर देश की रक्षा की। उनके पिता नवीन चंद्र जोशी वर्तमान में आईटीबीपी में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और सीमाओं की सुरक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं।
परिवार की सैन्य विरासत यहीं नहीं रुकती। उनके ताऊ जीवन चंद्र जोशी एयर डिफेंस में सेवा देकर सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं, जबकि उनके चाचा मोहन चंद्र जोशी वर्तमान में 19 कुमाऊं रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर तैनात हैं। वहीं, रजत की मां चंद्रा जोशी उनके जीवन की प्रेरणास्तंभ रही हैं, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें संबल और मार्गदर्शन दिया।
शैक्षिक दृष्टि से भी रजत का सफर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने बिड़ला स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और एमबीपीजी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की।
आईएमए से पासआउट होकर लेफ्टिनेंट बने रजत जोशी ने यह साबित कर दिया है कि जुनून, अनुशासन और मजबूत पारिवारिक मूल्यों के सहारे किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार, रिश्तेदारों और क्षेत्रवासियों में खुशी और गर्व का माहौल है।






