हल्द्वानी: आगे बढ़ने के लिए टैंलेट को सबसे अहम माना जाता है, अगर वो ही किसी खिलाड़ी के अंदर नहीं होगा तो अपनी छाप नहीं छोड़ पाएगा, लेकिन कई बार टैलेंट से भरपूर खिलाड़ियों को दर्दनाक हादसों का शिकार होना पड़ता है। ऐसा ही कुछ उत्तराखण्ड की प्रतिभा वाहन खिलाड़ी गरिमा जोशी के साथ हुआ। रानीखेत की रहने वाली एथलीट गरीमा जोशी ने 27 मई, 2018 को बेंगलोर में आयोजित हुई 10 किलोमीटर राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया था। उसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद की थी।
गरिमा ने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया था और देशभर में राज्य को छठा स्थान प्राप्त हुआ था। गरिमा आगे बढ़ ही रही थी कि एक अनहोनी उसके सपनों के बीच आ गई। बेंगलोर में ही कार एक्सीडेंट में उसके सपनों ऐसा झटका दिया जो शायद ही अब पहाड़ की बेटी को मैदान पर कभी नहीं उतरने देगा। इस हादसे में गरिमा स्पाइनल कोर्ड टूट गई, वहीं नीचे का हिस्सा पैरालाइज हो गया है। पिता पूरन जोशी ने रानीखेत बाजार से 10 प्रतिशत मासिक की दर से जमीन मकान गिरवी रखके 5 लाख रुपये कर्जा लेकर रीढ़ की हड्डी का आपरेशन करवाया है जिसमे की 18 रॉड पड़ी हैं । गरिमा का बैंगलोर में इलाज चल रहा है और उसका भाई उसकी देखरेख कर रहा है। वहीं गरिमा की मां आशा जोशी कैंसर से पीडित हैं जिनका इलाज दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल में चल रहा है। BPL कार्ड धारक पिता के पास कोई भी कमाई का साधन नही है ।मात्र 18 साल का भाई मुम्बई में बर्तन मॉन्झ रहा है। फिलहाल अभी तक भारत सरकार ,उत्तराखंड सरकार ,खेल फेडरेशन से कोई भी मदद नही मिली हैं।
एक बेटी जो देश के लिए कुछ करना चाहती थी। उसके सपने अपने देश कें तिंरगे को ऊंचा करने के थे। हल्द्वानी लाइव डॉट कॉम खेल से जुड़े सभी लोगों से गरिमा के परिवार की मदद करने का अनुरोध करता है। एक मदद शायद एक चमत्कार बन जाए, जिससे पहाड़ की गरिमा एक बार फिर मैदान पर वापस आ सकें।
परिवार की दयनीय स्थिति है आपकी जरा सी मदद इस दुखी परिवार को जीने की राह दिखा सकती है कृपया जरूर मदद करें खाता डिटेल,Bank ..PNB.Dwarahat Almora
Asha Joshi and Pooran Joshi
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