लालकुआं: प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस ये उम्मीद लगाए बैठी है कि इस बार उनका सत्ता में आना तय है। तो वहीं पार्टी में अंदरूनी तौर पर कुछ गड़बड़ी चल रही है। ऐसा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत के नए बयान से मालूम पड़ता है। दरअसल उन्होंने उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
आपको याद दिला दें कि बीते दिनों लालकुआं से कांग्रेस के प्रत्याशी और उत्तराखंड में चुनाव संचालन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा था कि वह या तो सीएम बनेंगे या फिर घर पर बैठेंगे। इसके अलावा उनके पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि हरदा ने इस बयान से हाईकमान को संदेश देने की कोशिश की थी। यह भी माना जा रहा था कि इससे कुछ कांग्रेसी जरूर असहज महसूस करेंगे।
अब इसी क्रम में गुरुवार को हरदा का नाम लिए बिना रणजीत रावत ने द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की एक कविता पढ़ दी है। पहले आपको बता दें कि रणजीत रावत सल्ट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत रावत पहले रामनगर से चुनाव लड़ने वाले थे। लेकिन हरीश रावत को वहां से टिकट दिया गया था। बाद में हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों को ही रामनगर से टिकट नहीं दिया गया।
इधर, गुरुवार को रणजीत रावत ने एक कविता के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा “यदि होता किन्नर नरेश मैं, राज महल में रहता। सोने का सिंहासन होता, सिर पर मुकुट चमकता।” इसके बाद उन्होंने कहा कि यह तो कांग्रेस का विधान मंडल दल तय करेगा कि किस नेता का नाम हाईकमान को भेजा जाता है। जिसे कांग्रेस हाईकमान तय करेगा, वही हमारा नेता होगा।
हो ना हो, लेकिन कांग्रेस में कुछ तो गड़बड़ है। रणजीत रावत के बयान से लगने लगा है कि हरदा के रामनगर से टिकट के विरोध का जो मोर्चा उन्होंने खोला था, वह आगे भी जारी रह सकता है। उल्लेखनीय है कि रणजीत रावत कभी पूर्व सीएम हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाते थे। लेकिन अब दोनों में द्वंद देखा जा रहा है।