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एक बार में दो जगहों से सरकारी राशन लेने वाले नपेंगे,नैनीताल जिले की जांच में खुली पोल

एक बार में दो जगहों से सरकारी राशन लेने वाले नपेंगे,नैनीताल जिले की जांच में खुली पोल

देहरादून: वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के बावजूद उपभोक्ता मानने को तैयार नहीं हैं। कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो एक साथ दो राज्यों से सरकारी राशन (Government ration)ले रहे हैं। ऐसे लोगों को अब पूर्ति विभाग (Supply department) ने चिन्हित करना शुरू कर दिया है। विभाग लगातार ऐसे यूनिटों (Units canceled) को निरस्त करने की कार्यवाही कर रहा है।

हाल ही में भारत के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना (One nation one ration card scheme) लागू की गई थी। इसकी तैयारी सरकार व प्रशासन वे आज से नहीं बल्कि काफी पहले से शुरू कर दी थी। उपभोक्ताओं को लगातार राशन कार्डों (Ration cards) को आधार से लिंक कराने को कहा जा रहा था। अधिकतर काम पूरा होने के बाद इसे लागू किया गया।

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बता दें कि इस योजना के तहत उपभोक्ता अपने राशन कार्ड की मदद से देश के किसी भी राज्य की सरकारी गल्ला दुकान (Government ration shop) से राशन ले सकते हैं। इसी तरह बाहरी राज्यों के लोग उत्तराखंड कि किसी भी सस्ता गल्ला दुकान से राशन ले सकते हैं। लेकिन इसमें एक प्रावधान (Rule) ये भी है कि आप दो राज्यों से एक बार में राशन का लाभ नहीं ले सकते।

इसी तरह के मामले बीते दिनों में सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक बीते एक सप्ताह में पूर्ति विभाग ने ऐसे करीब 450 यूनिट निरस्त किए हैं। बता दें कि भारत सरकार (Government of India) द्वारा राशन कार्ड की वेबसाइट अपडेट (website update) करने के बाद दो जगह से राशन लेने वालों की पोल खुलने लगी है। आधार के लिंक होने से हर उपभोक्ता की जानकारी झट से विभाग के मिल जा रही है।

इससे यह भी आसानी से पता चल जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति ने कहां कहां राशनकार्ड बनवाए हैं। फिलहाल वक्त में पूर्ति विभाग की टीम ऐसे यूनिटों को सेलेक्ट कर निरस्त कर रही है जो दो जगहों से राशन ले रहे हैं। कई मामलों में तो बाहरी राज्यों में नौकरी करने वालों द्वारा राशनकार्ड का लाभ लेने की बात सामने आई है। हल्द्वानी में बना राशनकार्ड भी चला रहे हैं।

गौरतलब है कि सरकार व पूर्ति विभाग ने जनता को लाभ पहुंचाने की पुरजोर कोशिशें की हैं। ऐसे में अगर एक उपभोक्ता (Consumers) जो जगहों से राशन लेगा तो नुकसान होगा ही। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी की मानें तो अगर किसी ने उत्तराखंड के अलावा किसी अन्य राज्य में राशनकार्ड बनवाया है तो एक जगह से निरस्त करा लें।

अगर ऐसा नहीं कराया तो यह भी हो सकता है कि जिस जगह राशनकार्ड की जरूरत हो वहीं पर नाम कट जाए। बता दें कि विभाग पहले उपभोक्ता से बात कर फिर ऐसे राशन कार्डों को निरस्त कर रहा है जिनके उपभोक्ताओं को दोहरा लाभ मिल रहा है। बता दें कि नैनीताल जिले (Nainital district) में 16 हजार 639 अंत्योदय (लाल कार्ड), 1 लाख 11 हजार 524 प्राथमिक (सफेद कार्ड) और 1 लाख 7 हजार 413 पीला राशन कार्ड धारक हैं।

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