देहरादून: मसूरी देहरादून मार्ग पर हुए रोडवेज बस हादसे को लेकर जो अपडेट सामने आई हैं, उसने चालक और परिवहन निगम की लापरवाही को उजागर कर दिया है। रविवार को मसूरी मार्ग पर एक बस अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में दो की मौत जबकि चालक-परिचालक सहित 38 यात्री घायल हुए थे। फिलहाल दुर्घटना के लिए जांच बैठा दी गई है। मगर उससे पहले यह सामने आया है कि चालक को पहाड़ों पर बस चलाने का अनुभव नहीं था।
बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त हुई बस का अनुबंध दून-सहारनपुर मार्ग के लिए है। चालक के पास पर्वतीय मार्ग पर नियमित बस संचालन का अनुभव नहीं था, मगर फिर भी उसे मसूरी मार्ग पर भेजा गया। ऐसे में निगम प्रबंधन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। अब निगम ने अपनी बसें होने के बावजूद अनुबंधित बसों को तय मार्ग से हटाकर दूसरे मार्गों पर भेजने को आदत बना लिया है।
निगम प्रबंधन की मानें तो दूरस्थ पर्वतीय मार्गों पर 169 व्हीलबेस तक की बस को संचालन की अनुमति है। वहीं, देहरादून-मसूरी मार्ग पर 195 व्हीलबेस तक की बसों का संचालन किया जा सकता है। गौरतलब है कि प्रतिदिन मसूरी मार्ग पर चलने वाली पर्वतीय डिपो की 30 बसों में 25 बसें देहरादून-मसूरी, जबकि बाकी बसें मसूरी होकर दूसरे पर्वतीय गंतव्य तक यात्रियों को ले जाती हैं।
वैसे 25 बसों को एक दिन में तीन ट्रिप करनी चाहिए मगर दो ट्रिप होने के कारण निगम यह काम दूसरे मार्गों की अनुबंधित बसों से करवाता है। रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई बस अनुबंधित बस है और इसका मॉडल 2019 का है। नियमित देहरादून-सहारनपुर मार्ग पर चलने वाली यह बस उस दिन मसूरी मार्ग पर भेजी गई। मैदानी रास्तों पर बस चलाने में अनुभवी चालक रोबिन सिंह को पर्वतीय मार्ग पर नियमित संचालन का अनुभव नहीं था।
जेएनएनयूआरएम डिपो के कनिष्ठ केंद्र प्रभारी चंद्र किरण ने फिर भी चालक को मसूरी की तरफ भेजा। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सुनील शर्मा के आदेश पर परिवहन विभाग की टीम द्वारा मौके पर जाकर जांच की गई, जिसमें पता चला कि तेज गति से चल रही बस को रोकने के लिए चालक ने ब्रेक तक नहीं लगाए थे। खाई में गिरते ही चालक खिड़की से बाहर कूद गया था। हालांकि, अभी और जांच होना भी बाकी है।
बहरहाल, दुर्घटना के कारणों को लेकर परिवहन निगम प्रबंधन ने भी विभागीय जांच बैठा दी है। निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बस को पूरी तरह से फिट बताया है। उनका कहना है कि चालक के पास पर्वतीय मार्गों पर बस संचालन का लाइसेंस है। बता दें कि चालक ने नशे में होने या गुटखा खाने की बात भी सामने आई है। इसपर महाप्रबंधक ने कहा कि चालक की गलती पाए जाने निश्चित ही ऑपरेटर का अनुबंध खत्म होगा।