हल्द्वानी: नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लोगों को अपने पालतू पशुओं का पंजीकरण करना होगा। कई बार देखने को मिलता है कि कुछ समय बाद लोग अपने पशुओं को छोड़ देते हैं। नगर निगम ने एक जुलाई से श्वान/पशु लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब नगर निगम क्षेत्र में पशु और कुत्ता पालने वाले लोगों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके पर जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज कांडपाल ने कहा कि अब पशु लाइसेंस बनाया जाएगा। अब नगर निगम क्षेत्र में कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस, बकरी पालने के लिए लाइसेंस लेना होगा। नगर निगम की ओर से पंजीकरण शुल्क 200 रुपए रखा गया है। अवधि समाप्त होने पर इसे रिन्यू कराया जाएगा और ऐसा नहीं करने पर 50 रुपए प्रति माह के हिसाब से अर्थदंड देना होगा।
नगर निगम की ओर से पशुओं के गले में टांगने के लिए एक टोकन दिया जाएगा और उसे अनिवार्य रूप से पहनाना होगा। अगर स्वामी कुत्ते को सार्वजनिक जगह पर मल कराता है तो उसे खुद उठाना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें ₹500 जुर्माना जमा करना होगा। अगर कोई पंजीकृत पशु घूमने हुए पकड़ा गया तो नगर निगम 12 घंटे के ₹500 वसूलेगा और इसके बाद प्रत्येक घंटे के 100 रुपए देने होंगे।
नगर निगम क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर में आवारा कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके अलावा गायों, घोड़ों-खच्चरों को भी सड़कों पर छोड़ दिया जाता है जो हादसों का सबब बनते हैं। पालतू पशुओं के पंजीकरण के बाद मालिक के लिये पशुओं को इस तरह आवारा छोड़ना आसान नहीं होगा। नियम तोड़ने पर जुर्माने और सजा की कार्रवाई की जायेगी।