हरिद्वार: प्रदेश में कुंभ मेले में आने वालों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। प्रत्येक एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही एंटीजन टेस्टिंग भी की जाएगी। गुरुवार, 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति पर्व के स्नान को सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ही शासन द्वारा मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जाएगी।
प्रदेश सरकार 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान पर्व को कुंभ मेले के अन्य स्नानों के लिटमस टेस्ट मान रही है। भीड़ प्रबंधन को लेकर अभी जो कार्ययोजना तैयार की गई है, मकर संक्रांति का स्नान पर्व पर उसकी परीक्षा होगी। एक तरह से यह भीड़ प्रबंधन को लेकर पूर्वाभ्यास भी होगा। यही वजह है कि इस स्नान में राज्य के भीतर और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रोका या टोका नहीं जाएगा। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्नान पर्व की व्यवस्था होगी।
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बता दें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेला की तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित ढंग से स्नान कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मकर संक्रांति पर्व पर बड़ी संख्या में बाहर से श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। इसके लिए जल्द एसओपी जारी की जाए। कुंभ के सभी स्नानों को लेकर संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि मेले के सफल आयोजन एवं श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने प्रमुख अखाड़ों के प्रमुखों से समन्वय कर उनके सुझाव के अनुसार भी व्यवस्थाएं करने को कहा। बताया कि कुंभ को लेकर फरवरी में अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। कुंभ में बिना थानों के थानेदार और चौकी प्रभारी, पढ़िए पूरी खबरउन्होंने इसके लिए अन्य राज्यों से विचार-विमर्श करने को कहा। इसके साथ ही पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भीड़ नियंत्रण के लिए कंटीजेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
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