Rinisha Lohni Haldwani: Haldwani Success Story:
हल्द्वानी एक ऐसा शहर है जो कुमाऊं प्रवेश द्वार के नाम से तो पहचाना जाता है। साथ ही यह शहर कई अनोखी उपलब्धियों के कारण भी चर्चा में बना रहता है। हम आपको हल्द्वानी की कई सफल कहानियों से पहले भी परिचित करा चुके हैं लेकिन सफलताओं के इस क्रम में हर दिन कोई ना कोई सफल अध्याय जुड़ता ही जा रहा है। आज हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड के जिला नैनीताल, शहर हल्द्वानी के कक्षा 8 की प्रतिभावान बेटी रिनिशा लोहनी की जिसने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। रिनिशा लोहनी ने ग्यारहवीं साउथ एशियन आशियारा कराटे चैंपियनशिप के अंडर-10 वर्ग (33 – 36 किलोग्राम) में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से स्वर्ण पदक प्राप्त किया है।
Rinisha Lohani Gold Medal
दुर्गा मार्शल आर्ट एकेडमी की खिलाड़ी रिनिशा, हल्द्वानी के आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल में कक्षा 8 की छात्रा हैं। रिनिशा ने हालही में लखनऊ में आयोजित जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ इन्डिया (Ju-Jitsu Association of India) के राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में अपने वर्ग में फुल कॉन्टैक्ट प्रारूप में गोल्ड मेडल जीतकर केवल हल्द्वानी का ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। छोटी सी उम्र में ही ऐसे खेल में पकड़ बना लेना जो बाकी बच्चों के लिए समझना भी मुश्किल हो यही रिनिशा को अलग पहचान दिलाता है। जो-जित्सु कराटे का ही एक स्वरुप है जो चीन, जापान और कोरिया में बहुत लोकप्रिय भी है। कक्षा 8 में पढ़ने वाली रिनिशा इस खेल में 3 साल पहले से प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर कई पदक भी जीत चुकी हैं।
Rinisha Lohani Ju-Jitsu Player
जय दुर्गा मार्शल आर्ट एकेडमी के प्रशिक्षक और अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी वनोद लखेरा भी अपनी शिष्या की इन सभी उपलब्धियों से बेहद खुश हैं। रिनिशा ने पिछले तीन वर्षों में इन्हीं के मार्गदर्शन में यह सभी पदक अपने नाम किए हैं। कोच विनोद बताते हैं कि जितना इस खेल के लिए फूर्ति और बल चाहिए उतना ही रोजाना जीवन में अनुशासन और एकाग्रता। इन सभी के समन्वय से हर खिलाड़ी इस खेल की बारीकियों को समझता है और अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन दे पाता है। रिनिशा के अभ्यास और माइंडसेट की सराहना करते हुए कोच बताते हैं कि पिछले तीन वर्षों में रिनिशा ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली रिनिशा ने अब तक 12 स्वर्ण पदक, 4 रजत पदक और 3 कांस्य पदक जीते हैं। इन पदकों से केवल हल्द्वानी या उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश को ख़ुशी हुई है और रिनिशा के रूप में कम उम्र वाली बहुत बड़ी प्रेरणा देश के बच्चों को मिली है।