
Uttarakhand: Roadways: Haldwani: Loss: Income: Buses: दिवाली के करीब आते ही लोगों का अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। आमतौर पर यह समय रोडवेज के लिए अच्छी आमदनी का होता है, लेकिन इस बार स्थिति उलट नजर आ रही है। निजी वाहन संचालकों की बढ़ती मनमानी और सख्त कार्रवाई के अभाव के कारण रोडवेज की सवारियों में भारी कमी दर्ज की गई है, जिससे निगम को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो हल्द्वानी डिपो की दैनिक आय पहले 25 से 35 लाख रुपये तक रहती थी, जो अब घटकर मात्र 11 से 12 लाख रुपये रह गई है। वहीं काठगोदाम डिपो की रोजाना की आय भी घटकर 8 से 9 लाख रुपये तक सीमित हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में निगम को और भी अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रोडवेज के लिए दिल्ली रूट हमेशा से सबसे लाभदायक माना जाता रहा है, लेकिन अब इस रूट पर भी निजी बसों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इससे हल्द्वानी डिपो की आय पर सीधा असर पड़ा है।
हल्द्वानी डिपो की वरिष्ठ स्टेशन इंचार्ज इंदिरा भट्ट ने बताया कि सवारियों की कमी के चलते कई बार बसें लगभग खाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली रूट पर इस सीजन में सबसे ज्यादा दबाव रहता है, लेकिन निजी वाहनों के बढ़ने से रोडवेज को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि निगम को स्थिति सुधारने के लिए सख्त कार्रवाई और ठोस रणनीति अपनानी होगी, तभी रोडवेज की घटती आय को दोबारा पटरी पर लाया जा सकेगा।






