Rudraprayag News

रुद्रप्रयाग के गांव ने फेरी वालों की एंट्री पर लगाई रोक, अनुमति ना लेना पड़ेगा महंगा


Uttarakhand News: Rudraprayag: रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा-भरदार के निवासियों ने गांव में बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम पहाड़ी क्षेत्रों में हाल के दिनों में बढ़ते अपराधों और असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है। गांव की सीमा पर तीन प्रमुख स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से बाहरी व्यक्तियों और फेरीवालों के प्रवेश और व्यापार करने पर रोक की जानकारी दी गई है। इस निर्णय को ग्रामीणों की सहमति से लागू किया गया है, जो अपनी सुरक्षा और गांव की शांति बनाए रखने के लिए चिंतित हैं।

कांडा-भरदार ग्राम पंचायत के प्रधान अमित रावत ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीणों की सहमति से ही यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में पहाड़ी क्षेत्रों के कई गांवों में बाहरी लोगों के आने और फेरी के बहाने संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों का मानना है कि बाहरी लोग मोबाइल मरम्मत, इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री और अन्य सेवाओं के नाम पर गांव में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा का खतरा बढ़ रहा है। इन घटनाओं को देखते हुए, ग्राम पंचायत ने यह फैसला लिया है ताकि गांव की सुरक्षा को पुख्ता किया जा सके।

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इससे पहले भी केदारघाटी के कई गांवों में इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, जहां फेरीवालों, गैर हिंदू और रोहिंग्या समुदाय के लोगों के प्रवेश और व्यापार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इन गांवों की सीमाओं पर भी सूचना बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आपत्तिजनक भाषा वाले बोर्डों को हटवा दिया गया। हालांकि, इसके बावजूद बाहरी लोगों पर पाबंदी जारी रही। पुलिस ने निर्देश दिया था कि बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश और व्यापार पर रोक की जानकारी नए सूचना बोर्डों में दी जाए, जो अब संशोधित रूप में लगाए गए हैं।

अब कांडा-भरदार गांव में भी सख्ती से नियम लागू किए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान ने चेतावनी दी है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति या फेरीवाला गांव में बिना अनुमति के प्रवेश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने यह कदम अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया है, क्योंकि हाल के समय में बाहरी लोगों द्वारा गांवों में संदिग्ध गतिविधियां बढ़ गई हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।

कई अन्य गांवों में भी इसी प्रकार की पहल की जा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर लोग बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर नियंत्रण लगाने के लिए जागरूक हो रहे हैं और पंचायतें इस दिशा में ठोस कदम उठा रही हैं। इन पहाड़ी गांवों में बाहरी लोगों का प्रवेश केवल व्यापार या सेवा के लिए नहीं बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है, इसलिए ग्रामीण अब और अधिक सतर्क हो गए हैं।

कांडा-भरदार के अलावा, मेदनपुर ग्राम पंचायत ने भी इसी तरह का निर्णय लिया है और बाहरी व्यक्तियों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह दर्शाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों के निवासी अब बाहरी हस्तक्षेप को लेकर और भी सचेत हो रहे हैं, और उनकी प्राथमिकता अपने गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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