नई दिल्ली: राजस्थान में चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा सत्ता पर काबिज होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे कर रही है। कांग्रेस के सचिन पायलट को इसका अभास है और इसलिए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी चुनाव से पहले कई फैसले लेने होंगे। उन्होंने कहा कि साल 2022 में विधायक दल की बैठक उस वक्त की कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कहने पर बुलाई गई थी। बैठक में जो भी होता ये अलग बात है लेकिन बैठक होने ही नहीं दी गई। ऐसे में बैठक नहीं होना पार्टी के निर्देश की अवहेलना थी। फिर भी उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में देरी हो रही है। उन्होंने सीएम गहलोत के समर्थक विधायकों पर कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने पार्टी को अपना रुख साफ कर दिया है कि अगर पार्टी आलाकमान राजस्थान कांग्रेस के मुद्दे को और तूल देता है तो पार्टी को आने वाले चुनाव में नुकसान का सामना कर पड़ सकता है। इसके अलावा उन्होंने अपने इस बयान से विरोधियों को भी चेतावनी दे दी है. यही नहीं पायलट ने बयान से ये भी संदेश देना चाहते हैं कि अगर पार्टी आलाकमान राजस्थान में कांग्रेस से जुड़े मुद्दों को जल्द हल नहीं करता है वे दूसरे फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।