हल्द्वानी: खून की नसों में पड़ने वाले दबाव को बल्ड प्रेशर कहते हैं। भारत में करोड़ो लोग इसकी चपेट में हैं और यह प्राणघातक भी हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि वे इसकी गिरफ्त में हैं क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते। ब्लड प्रेशर की समस्या प्रौढ़ावस्था में होता है लेकिन अब छोटे बच्चों में भी ब्लड प्रेशर देखने में आ रहा है. ब्लड प्रेशर किसी को भी हो सकता है।
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उदाहरण के लिए: 120/80 पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है क्योंकि यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है। दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं क्योंकि यह उस वक्त के ब्लड प्रेशर को सूचित करता है जब हृदय तनाव-मुक्त होता है। ब्लड प्रेशर को पारे में मिलीमीटर के हिसाब से मापा जाता है। जिनका ब्लड प्रेशर 140/90 से ज़्यादा होता है, उन्हें डॉक्टर हाईपरटेंशन की श्रेणी में रखते हैं। हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने ब्लड प्रेशर से निजात पाने के लिए होम्योपैथिक इलाज बताया: