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बागेश्वर के सक्षम रौतेला शतरंज में कमाल,इंटरनेशनल खिताब जीता


बागेश्वर के सक्षम रौतेला ने शतरंज में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता

बागेश्वर। उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल कर रहे है। वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर देकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, बल्कि देश-विदेश में उत्तराखंड का नाम भी रोशन कर रहे हैं। उत्तराखंड बागेश्वर जिले के रहने वाले सक्षम रौतेला ने विश्व शतरंज संस्था फीडे द्वारा शतरंज के दूसरे सर्वोच्च खिताब इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) को अपने नाम किया है। खास बात तो यह है कि देश के चुनिंदा 125 आईएम में शामिल होने वाले सक्षम न सिर्फ यह खिताब पाने वाले प्रदेश के पहले खिलाड़ी हैं, बल्कि उत्तर भारत के एकमात्र आईएम भी हैं, जो देश के टॉप 50 खिलाड़ियों में शामिल हुए हैं।

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इंटरनेशनल मास्टर बनें सक्षम की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां परिजनों ने खुश की लहर हैं, वहीं पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। शतरंज खिलाड़ी सक्षम ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता किरन रौतेला और पिता बालम सिंह रौतेला के साथ ही अपने शतरंज कोचों को दिया था।

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आपको बता दें कि सक्षम बागेश्वर जिले के कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्र है। सक्षम को विश्व शतरंज संस्था फीडे ने इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) के खिताब से नवाजा है। बता दें कि ऑल इंडिया चेस फेडरेशन (एआईसीएफ) की ओर से जारी आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारत में 66 ग्रैंड मास्टर और 125 इंटरनेशन मास्टर (आईएम) हैं। जिनमें सक्षम रौतेला भी शामिल हैं। वर्ष 2012-13 में शतरंज खेलना शुरू करने वाले सक्षम का कहना है कि अब उनका लक्ष्य ग्रैंड मास्टर(जीएम) बनना है।

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सक्षम ने बताया कि वर्ष 2019 उनके लिए बहुत निर्णायक रहा क्योंकि एक तरफ तो वह हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा देने जा रहे थे वहीं दूसरी ओर शतरंज में वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी कड़ी मेहनत का ही परिणाम रहा कि उन्होंने न सिर्फ हाईस्कूल की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की बल्कि आईएम का खिताब भी हासिल किया। जिसके लिए उन्होंने जहां दिसंबर 2019 में आईएम का अपना पहला नॉर्म पूरा किया, वहीं जनवरी फरवरी 2020 में लगातार दूसरा और तीसरा नॉर्म भी हासिल कर लिया। जिसके बाद ही उन्हें सितंबर में आयोजित हुई फीडे की मीटिंग में आईएम के खिताब से नवाजा गया। सक्षम के छोटे भाई सदभव भी उन्हीं के पद चिन्हों पर चल रहे हैं। पिछले साल ही सदभव शंतरज के अंडर-9 आयु वर्ग में एशिया के नंबर वन शतरंज खिलाड़ी बने थे।

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