हल्द्वानी शिक्षा का हब बनते जा रहा है, ये हम नहीं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कामयाबी हासिल कर रहे विद्यार्थियों के नतीजे बता रहे हैं। कुछ दिन पूर्व इडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) दिल्ली की ओर से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस का रिजल्ट जारी किया गया। हल्द्वानी संकल्प Tutorials के शिवम वर्मा ऑल इंडिया 1134 रैंक हासिल कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया। वह नैनीताल जिले में टॉपर ( OBC) रहे। शिवम वर्मा कुसुमखेड़ा में रहते हैं उनके पिता गिरीश वर्मा व्यवसायी हैं। शिवम ने इसी साल बिड़ला स्कूल से बारहवीं की परीक्षा 97.2 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। जबकि जेईई – मेन में उन्हें 99.29 परसेंटाइल प्राप्त हुए थे।
संकल्प Tutorials में प्रवेश व अन्य जानकारी के लिए 8126502501 व 9412127853
इसके अलावा संकल्प Tutorials के ही ऋषिकेश मौर्य एआइआर 2339 के साथ दूसरे स्थान पर रहे। पीलीकोठी निवासी राहुल जोशी एआइआर 4350 के साथ चौथे और कुसुमखेड़ा निवासी गौरव सती एआइआर 6155 के साथ पांचवें स्थान पर रहे। एक बार फिर संकल्प Tutorials के नतीजों ने साबित किया कि क्यों उसकी गिनती कुमाऊं के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में होती है। हल्द्वानी में 27 सितंबर को हुई जेईई-एडवांस परीक्षा में कुमाऊं के 436 युवा शामिल हुए थे। सोमवार को आइआइटी दिल्ली की ओर से रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें हल्द्वानी संकल्प ट्यूटोरियल के विद्यार्थियों ने विद्यार्थियों ने इतिहास रचा।
जेईई एडवांस में संकल्प Tutorials के नतीजों पर नजर
क्या कहते हैं निर्देशक परगट सिंह बराड़
यह इंस्टीट्यूट अपने नाम के अनुसार ही चलता है। संकल्प ट्यूटोरियल के निर्देशक परगट सिंह बराड़ के अनुसार दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छा शक्ति से अपने करियर में हर मंजिल को प्राप्त किया जा सकता है। संस्थान बेहतर परिणामों को लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। संस्थान बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सामंजस्य स्थापित करने में हल्द्वानी का सर्वश्रेष्ठ संस्थान है। विद्यार्थी कभी भी रटकर परीक्षा को पास करने के बारे में न सोचे, विषय की सही परख ही आपकी सफलता की कुंजी है।
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निर्देशक परगट सिंह बराड़ की मानें तो युवाओं को सबसे पहले अपने भीतर के टैलेंट को पहचानना होता है। मेहनत हर कोई करता है लेकिन जो मेहनत में स्मार्ट तरीका खोजता है वो अपनी अलग राह बना लेता है।बच्चों को हाईस्कूल के बाद अपने करियर की दिशा तय करनी होती है। जरूरत होती है कि सभी विषयों में बच्चे अपने बेसिक को मजबूत करें। बच्चों की दिशा को समझने नियमित परीक्षा का आयोजन होता है और फिर उनकी कमियों पर काम करते हैं। बच्चों को कोचिंग से नोट्स और स्टडी मेटिरियल प्राप्त होता है जिससे वो अपनी तैयारी करते हैं। पिछले 7-8 सालों में इस कोचिंग इंस्टीट्यूट से निकले सैकड़ो छात्रों ने आईआईटी, मेडिकल,एनआईटी और देश के बड़े विश्वविद्यालय और कॉलेज में दाखिला पाया है।