नैनीताल: साल 2012 के विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से विजय प्राप्त कर विधायक बने सरिता आर्या ने टिकट कटने के डर से कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने भाजपा टिकट मिलने की आस में ज्वाइन की है और अगर उन्हें टिकट मिलता है तो नैनीताल का मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है।
एक बार फिर सरिता आर्या और संजीव आर्य आमने सामने होंगे। दुविधा जनता के लिए होगी क्योंकि जिन लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को जीत दिलाई थी, यानी सरिता के खिलाफ वोट किया तो वो इस बार उन्ही को जीत दिलाने का प्रयास करेंगे। हालांकि नैनीताल विधानसभा सीट से टिकट किसको दिया जाए ये भाजपा के लिए सिर दर्द का विषय है।
नैनीताल से दिनेश आर्य, मोहन पाल और हेम आर्य ने दावेदारी ठोकी है। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के बाद सरिता आर्या नैनीताल पहुंची और घोड़ाखाल स्थित गोल्ज्यू के मंदिर में दर्शन किए। इस गौरान उन्होंने भाजपा की सरकार बनने की भी प्रार्थना की।
दूसरी ओर नगर कांग्रेस कमेटी ने नगर अध्यक्ष हितेश साह के नेतृत्व में टीआरसी में बैठक कर सरिता आर्य के भाजपा में शामिल होने पर निंदा की गई। कार्यकर्ताओं ने कहा, सरिता आर्य का भाजपा में शामिल होना शर्मनाक है। कांग्रेस ने हमेशा से लड़की हूं लड़ सकती हूं कहकर महिलाओं को आगे रखा है। पीसीसी सचिव खष्टी बिष्ट ने कहा कांग्रेस कमेटी कांग्रेस की विचार धाराओं पर चलती है। हमेशा से महिलाओं को सम्मान दिया है। सरिता ने निजी कारणों से दल बदला है, लेकिन नगर यूथ, अल्पसंख्यक, एसी प्रकोष्ठ, सेवा दल सभी कार्यकर्ता कांग्रेस के साथ हैं। इस दौरान शांति तिवारी, नंदा बल्लभ सुयाल, सुजान रजवार, दयाल आर्य, रमेश आर्य, हरेंद्र आर्य, जानकी आर्य, आसमा प्रवीन, माला कनवाल रहे।