चमोली: भारतीय सेना में जाने के लिए राज्य के छोटे छोटे कस्बों से आने वाले युवा दिन रात एक कर देते हैं। उत्तराखंड के कोने कोने में देश सेवा की ऐसी अलख जगती है। इन्हीं कारणों से भी उत्तराखंड को पावन भूमि कहा जाता है। इस बार मंडलघाटी खल्ला गांव निवासी शशांक बिष्ट ने एनडीए में चयनित होकर युवाओं की मेहनत, लगन का परिचय दिया है। अपने दादा के बाद अब पोता सेना में जाकर देश सेवा करेगा।
दरअसल जनपद चमोली मंडलघाटी खल्ला गांव के रहने वाले शशांक बिष्ट का सिलेक्शन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए हुआ है। ये शशांक की जिद और मेहनत से ही संभव हो पाया है। बता दें कि शशांक बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे। शशांक ने 12वीं की पढ़ाई पीस पब्लिक स्कूल गोपेश्वर से पूरी की है। इसके बाद से ही वह सेना में जाने की इच्छा लिए एनडीए की तैयारी करने लगे। शशांक ने गोपेश्वर मे दादी के ही मार्गदर्शन में पढ़ाई लिखाई की है।
एनडीए के लिए क्या मेहनत चाहिए होती है, ये बताना छोटी बात होगी। बहुत कम प्रतिशत में ही बच्चे परीक्षा में सफल हो पाते हैं। शशांक उन युवाओं में से एक हैं। शशांक अपनी सफलता का श्रेय सती माता अनुसूया देवी के आशीर्वाद तथा माता पिता और दादी के मार्गदर्शन को देते हैं। उल्लेखनीय है कि शशांक के पिता हरेंद्र सिंह बिष्ट राजकीय जूनियर हाईस्कूल सरतोली (दशोली) में तैनात हैं जबकि माता राखी बिष्ट गृहणी हैं।
शशांक का बड़ा भाई जवाहर नवोदय विद्यालय पीपलकोटी से इंटरमीडिएट की परीक्षा करने के पश्चात बीटेक कर रहा है। शशांक को सेना में जाने की प्रेरणा अपने दादा से मिली है। शशांक के दादा शिवराज सिंह बिष्ट सेना में सुबेदार रहे हैं जबकि नाना नैल गांव निवासी नरेंद्र सिंह भंडारी भी सेना में सेवा दे चुके हैं। सबसे बड़ा संयोग तो ये रहा कि जिस वक्त सती माता अनुसूया मेले से खल्ला की मां अनुसूया की देव डोली वापस लौटी, उसी वक्त शशांक बिष्ट के एनडीए में चयनित होने की खबर मिली।
इस खबर से पूरे गांव में जश्न का माहौल है। समस्त मंडल घाटी के साथ ही शशांक के स्कूल व जनपद चमोली के समस्त जनपद वासियों द्वारा शुभकामनाएं दी जा रही है। बेटे की कामयाबी से परिवार भी गदगद है। शशांक ने कहा कि सती माता अनुसूया के आशीर्वाद से ही वह मुकाम हासिल करने में कामयाब रहा है। वाकई शशांक ने ना सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को पहचान दे दी है।