नैनीताल: आपदा के वक्त हुआ नुकसान आपदा के खत्म हो जाने के बाद पता लगता है। किसी भी आपदा की छाप आने वाले पीढ़ियों तक पर पड़ती है। ऐसा कहा जा सकता है कि झटके से सब तबाह कर जाने वाले प्रकोप से बुरा है उसके बाद का जीवन। हाल ही का उदाहरण हमारे सामने है । तीन दिन की बरसात जो ले गई उसे तो गिन्तियों में गिना जाना है ही। मगर उसके बाद का जो नज़ारा हमारे सामने है वह ज्यादा दर्दनाक है ।
सभी जानते थे कि इस भयानक घटना के टल जाने के बाद बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तो कहना गलत नहीं होगा कि वह चुनोतियां सामने आने लगी है । लगातार बारिश के बाद बहुत से रास्तों की स्थिति खराब होने की वजह से नैनीताल में डीजल खत्म हो गया है। वहीं पेट्रोल की भी किल्लत होनी लगी है। अब स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी फजीहत झेलनी पड़ रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से सूखाताल में संचालित पेट्रोल पंप के प्रभारी केसी खोलिया ने बताया कि पंप में बुधवार से ही पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया था । हालांकि इस दौरान ऑयल की मांग जरूर की गई थी , लेकिन ज्योलिकोट के समीप चार बड़े वाहन फंसे हुए हैं ।जिसके चलते शहर तक पेट्रोल – डीजल नहीं पहुंच पाया ।
आगे उन्होंने बताया कि पंप में 25 हजार लीटर पेट्रोल व 25 हजार लीटर डीजल के स्टॉक की क्षमता है। हालांकि अति आवश्यक कार्यों के लिए कुछ मात्रा में पेट्रोल और डीजल रोका गया है। इधर तल्लीताल क्षेत्र में संचालित पंप में भी आखिरी चरण का पेट्रोल दिया जा रहा है। जबकि यहां डीजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। शहर में पेट्रोल व डीजल खत्म होने की चिंता हर किसी को सता रही है। पहले ही रास्ते बंद होने के कारण वाहन फंसे हुए है। ऐसे में यह और बड़ी विडंबना हो जाएगी । फिलहाल मार्ग ठीक होने तक पेट्रोल और डीजल की नैनीताल पहुंचने की संभावनाएं कम है । जहां आदमी कल तक पेट्रोल के भाव बढ़ने से परेशान था, वहीं आज उसी पेट्रोल की बूंद के लिए तरसेगा ।ऐसे हालातों का अंदेशा शायद ही किसी ने लगाया होगा । उम्मीद है कि रास्तों की मरम्मत जल्द से जल्द पूरी हो और ऐसी स्थिति का सामना कम से कम करना पड़े ।