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जिसने बढ़ाया देवभूमि का मान, उसके साथ हल्द्वानी ने बनाई मान्यता मिलने की खुशी


हल्द्वानी: उत्तराखण्ड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता मिल गई है। अब जल्द ही राज्य की टीम रणजी सीजन खेलने उतरेगी । उसके लिए बीसीसीआई ने तैयारी भी कर ली है। इन सभी के बीच राज्य में मान्यता मिलने की खुशियां मनाने का सिलसिला जारी है। हल्द्वानी स्टेडियम में बुधवार को 18 साल बाद मान्यता मिलने की खुशी मनाई गई। इस मौके पर खेल मंत्री अरविंद पांडे का भी धन्यवाद किया गया।

इस खुशी में भारतीय अंडर-19 वनडे टीम के कप्तान आर्यन जुयाल अपने पिता डॉक्टर संजय जुयाल के साथ शामिल हुए। ये वही स्टेडियम है जहां पर आर्यन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। इसी ग्राउंड में साल 2010 में आर्यन के बल्ले से उनका पहला शतक आया। उसके बाद साल (2011) आर्यन देहरादून अभिमन्यु क्रिकेट अकेडमी से जुड़े। उसके बाद इस बल्लेबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वहां से 7 सालों में भारतीय टीम के कप्तान बनने का सफर तय किया।

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अपने कप्तान को देखने के बाद स्टेडियम में मौजूद युवा खिलाड़ी और उनके फैंस तालियों के साथ स्वागत किया। इस मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट समेत की कई भाजपा नेता मौजूद रहे। आर्यन ने लोगों के बीच पहुंचकर कैक काटा। हल्द्वानी स्टेडियम के कोच संजीव पंत ने कहा कि आर्यन युवा खिलाड़ियों के लिए मिसाल है। राज्य क्रिकेट को मान्यता नहीं थी उसके बाद भी उसने भारतीय टीम में जगह बनाई।

दूसरे स्टेट में जाकर खेलना और उस टीम में बने रहने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और ये चीज युवा खिलाड़ियों को आर्यन से सिखनी चाहिए। अब राज्य को मान्यता मिल गई है, युवाओं के लिए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य से 18 सालों का लंबा इंतजार किया है और अब उम्मीद है कि उसके फल मीठा होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और इस बार घरेलू क्रिकेट में युवा ये साबित भी करेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि उत्तराखण्ड की टीम अपने आप मान्यता के मिले मौके को अच्छी तरह से भुनाने में कामयाब होगी।

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