नई दिल्ली: उत्तराखण्ड क्रिकेट के लिए 18 जून 2018 की तारीख ऐतिहासिक है। इस तारीख ने राज्य के 18 साल के सूखे को खत्म कर युवाओं के उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा दिए है। राज्य क्रिकेट को आखिरकार बीसीसीआई से मान्यता मिल गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रबंधन को गठित समिति ने प्रदेश के खिलाड़ियों को वर्ष 2018-19 के घरेलू सीजन में खेलने के लिए मान्यता प्रदान कर दी है। उत्तराखण्ड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी राज्य के क्रिकेट को सवारने की जिम्मेदारी संभालेगी।
उत्तराखण्ड की सभी चार एसोसिएशन को इस कमेटी में रखा गया है।सभी एसोसिएशनों की सहमति से एक नौ सदस्यीय कंसेंसस कमेटी का गठन किया गया है। इसमें मान्यता का दावा करने वाली प्रदेश की चारों क्रिकेट एसोसिएशन के छह सदस्यों के अलावा बीसीसीआइ के दो सदस्य व एक सदस्य राज्य सरकार का होगा। बीसीसीआइ का नामित प्रतिनिधि ही इसका संयोजक होगा। यही कमेटी प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियों का संचालन करेगी। सदस्यों के नाम एसोसिएशन द्वारा दिए जाएंगे।
समिति में ये होंगे सदस्य
बीसीसीआइ के दो सदस्य। इनमें से एक वित्तीय पृष्ठभूमि और एक क्रिकेट प्रबंधन से जुड़ा होगा ।एक सदस्य प्रदेश सरकार द्वारा नामित। उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन से दो सदस्य।क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के दो सदस्य।यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन का एक सदस्य।उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन का एक सदस्य ।
उत्तराखण्ड क्रिकेट को मान्यता मिलने के बाद पूरे राज्य में जश्न का माहौल बना हुआ है। बात हल्द्वानी की करें तो सभी क्रिकेट एकेडमी में इस ऐतिसाहिक दिन को शानदार तरीके से मनाया गया। हिमालयन क्रिकेट एकेडमी के कोच दान सिंह कन्याल ने कहा कि आज से उत्तराखण्ड को अपने क्रिकेट की पहचान खुद बनानी होगी। हम पिछले 2 दशकों से मान्यता के लिए जूझ रहे थे। आज ये खुशी मिली है और युवाओं को इसका जश्न जरूर बनाना चाहिए और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए।
वहीं नरसिंह क्रिकेट एकेडमी में भी मान्यता मिलने की खुशी युवा खिलाड़ियों ने मिलकर बनाई। कोच सुंदर कपकोटी ने कहा कि इस पल के लिए कई लोग सालों से जी रहे थे। इसके पीछे भी राज्य के खिलाड़ियों की मेहनत ही है जिन्होंने उत्तराखण्ड के दावे को मजबूत किया। मैं राज्य में सभी क्रिकेट फैंस व खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।
हल्द्वानी की सबसे पुरानी क्रिकेट एकेडमी व क्लब (हल्द्वानी क्रिकेटर क्लब) में भी युवा खिलाड़ियों ने मान्यता मिलने का जश्न मनाया। सभी युवा खिलाड़ी काफी खुश नजर आए और उत्साहित नजर आ रहे थे। कोच महेंद्र बिष्ट, इंदर जैठा और दान सिंह भंडारी ने कहा कि आज से उत्तराखण्ड क्रिकेट के युग की शुरूआत हुई है। अब युवा खिलाड़ियों को दूसरे स्टेट से खेलने की जरूरत नहीं होगी। अब भारतीय घरेलू क्रिकेट में उत्तराखण्ड भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएगा।
एसआरएस क्रिकेट एकेडमी के कोच हरीश नेगी ने राज्य क्रिकेट को मान्यता मिलने की खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब खिलाड़ियों को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। सुबह हो गया है और हमें अब अपने परिश्रम का नए अध्याय की शुरुआत करनी है। राज्य के युवा खिलाड़ियों को अब अधिक मौके मिल सकेंगे। अभिभावक भी अपने बच्चों के सपनों को अपना बनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि एक मान्यता क्या करती है उसका असर आपको खिलाड़ियों के खेल में दिखाई देने लगेगा।