हल्द्वानी: 20 मार्च 2018
क्रिकेट को लेकर पूरे उत्तराखण्ड के युवाओं में उत्साह देखा जाता है। वहीं क्रिकेट प्रेमी भी अपने राज्य के युवाओं को देश की नीली जर्सी पहनकर देखना चाहते है। उत्तराखण्ड के कई खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट में अपनी कामयाबी की स्क्रिप्ट लिख रहे है। वहीं कई युवा प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम की एंट्री के दरवाजे पर दस्तक दे रहे है।
हल्द्वानी के युवाओं ने मचाया है धमाल
राज्य के सबसे बड़े शहरों में एक हल्द्वानी भी चमकते हुए युवा क्रिकेटरों को उभार कर सामने ला रहा है। इस लिस्ट में अंडर 19 विश्वविजेता टीम के सदस्य रहे आर्यन जुयाल, रणजी खेल रहे सौरभ रावत व देवेंद्र कुंवर और कर्नाटका प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन कर चुके दिक्शांशु नेगी शामिल है। वहीं राज्य के युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने के लिए दूसरे राज्य जाना पड़ता है इसका मुख्य कारण है राज्य के क्रिकेट संघ को बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त ना होना। पिछले कुछ वक्त से इस मुद्दे पर बातचीत हो रही है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि उत्तराखण्ड को जल्द बीसीसीआई से मान्यता मिल सकती है।
अब युवा करेंगे बड़े स्तर की तैयारी
हल्द्वानी गांधी आश्रम फतेहपुर एबीएम स्कूल स्थित एसआरएस क्रिकेट एकेडमी में युवा खिलाड़ियों के अब नए स्तर से तैयार किया जाएगा। एसआरएस क्रिकेट एकेडमी में अब टर्फ की विकेट बन रही है जहां पर युवा खिलाड़ी खेलकर अपने कौशल को निखारेंगे।
क्रिकेट एकेडमी के संस्थापक दिवस शर्मा के अनुसार अब कॉम्पेटिशन काफी बढ़ चुका है। राज्य में प्रतिभाओं की कमी बिल्कुल नहीं है इससे देखते हुए हमने एकेडमी में टर्फ की विकेट तैयार करने का फैसला किया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि शहर में अधिकतर युवा मेट की पिच पर खेलते है लेकिन अब माहौल बदल गया है। बड़े स्तर पर युवाओं को टर्फ की विकेट पर खेलना होता है जो कि चुनौतीपूर्ण होता है।
बता दें कि टर्फ की विकेट पूरे मैच पर एक समान नहीं रहती है। इसमें खिलाड़ियों को बल्लेबाजी व गेंदबाजी करने में ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होता है। वहीं मेट की पिच पर गेंद अधिकतर एक गति से ही आता है इसे प्रैक्टिस पिच भी कहा जाता है।
वहीं एकेडमी के कोच हरीश नेगी और महेंद्र अधिकारी ने बताया कि हम अपने युवा खिलाड़ियों को एकेडमी स्तर पर ही तैयार करना चाहते है। इसी लिए टर्फ की विकेट बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि टर्फ की विकेट मौसम के अनुसार भी बदलती है और ये खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी सीख होगी।