नई दिल्ली: भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज बेबाकी से अपनी बात सामने रखने के लिए जानी जाती है। कई बार वह ऐसा कर चुकी हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच ब्रिस्टल में खेला गया एकमात्र टेस्ट ड्रा रहा था। हार के कगाकर पर खड़ी टीम इंडिया को स्नेह राणा की नाबाद 80 रनों की पारी ने बचाया था। स्नेह और तान्या भाटियां ने 9वें विकेट के लिए 104 रन जोड़े और इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
मैच के आखिरी और चौथे दिन तकरीबन एक घंटे पहले ही मैच खत्म करने का ऐलान कर दिया गया था। ये खबर सामने आई थी कि दोनों टीमों की कप्तानों ने आम सहमति से मैच का नतीजा न निकलता देख मैच ड्रॉ करने का फैसला किया, लेकिन मिताली राज का बयान इससे मेल नहीं खाता है।
वनडे सीरीज़ से पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शनिवार को मिताली ने खुलासा किया है कि उनकी टीम मैच को जारी रखना चाहती थी और यही इंग्लैंड की कप्तानी हेदर नाइट को बताया गया था।
मिताली ने कहा कि जब उन्होंने अंपायरों द्वारा गिल्लियां उठाते हुए देखा तो वह हैरान रह गईं। हम मैच जारी रखना चाहते थे। बता दें कि उस वक्त स्नेह 80 रन पर थी और वह शतक जड़ सकती थी। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन जाती।
मिताली ने आगे कहा कि हमने विपक्षी टीम की कप्तान को बताया था और उन्होंने खेल जारी रखा था, लेकिन फिर मुझे राणा ने बताया क्योंकि मैंने जब गिल्लियां उठते और खिलाड़ियों को बाहर आते देखा। स्नेह ने बताया कि खराब रोशनी के कारण अंपायरों ने ये फैसला लिया है।
इंग्लैंड ने पहली पारी नौ विकेट पर 396 रन पर घोषित कर मेहमान टीम को फॉलोऑन दिया था जो पहली पारी में 231 रन पर सिमट गई थी।’ भारतीयों ने अपने दूसरी पारी में काफी बेहतर प्रदर्शन किया और आठ विकेट पर 344 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराया। आठवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रही स्नेह 154 गेंद में नाबाद 80 रन बनाकर टॉप स्कोरर रही थीं।