नई दिल्ली: भारतीय सेना की 20 जवानों की शहादत के बाद देशभर में चीन की कंपनियों का विरोध जारी है, इसको देखते हुए बीसीसीआई भी हरकत में आ गई है। बोर्ड ने अगले हफ्ते एक मीटिंग करने का फैसला किया है जिसमें आईपीएल की स्पॉन्सरशिप की समीक्षा होगी। बीसीसीआई और आईपीएल के साथ कई चाइनीज कंपनियों की स्पॉनसरशिप है, जिसमें चीन की मोबाइल कंपनी वीवो प्रमुख है। वीवो आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर है जिसका सालाना करार 440 करोड़ रुपये का है।
आईपीएल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि, सरहद पर तनाव का संज्ञान लेते हुए और हमारे दिलेर जवानों की शाहदत को देखते हुए, आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने अगले हफ्ते मीटिंग बुलाने का फैसला किया है, जिसमें आईपीएल की स्पॉन्सरशिप डील को लेकर समीक्षा की जाएगी।
इससे पहले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल (Arun Dhumal) ने कहा था कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं । आईपीएल (IPL) के मौजूदा टाइटल प्रायोजक वीवो (VIVO) से करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है। वीवो के साथ आईपीएल का 5 साल का करार है जो 2022 में खत्म होगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर बीसीसीआई का विरोध होने लगा और इसे शांत करने के लिए बोर्ड हरकत में आया है। देखना दिलचस्प होगा कि क्या बोर्ड VIVO का पत्ता काटने का फैसला लेता है या नहीं …