नई दिल्ली: जिंदगी का दूसरा नाम कर्म है। नतीजा कुछ भी हो लेकिन कर्म करने से कभी नहीं रुकना चाहिए। आप किसी भी क्षेत्र में हों जिस दिन हथियार डालते हैं उस दिन से आप उन्नति नहीं कर सकते हैं। वहीं अपनी हार का बहाना ना बनाकर उससे बाहर निकलने वाले को ही चैंपियन कहते हैं। यह पूरी लाइन इंग्लैंड के ऑलराउंर बेन स्टोक्स के लिए बिल्कुल ठीक बैठती है। जो खिलाड़ी शराब के कारण टीम से बाहर रहा हो, जिसके अंतिम ओवर में 4 छक्के लगे और इंग्लैंड का दूसरी बार टी-20 विश्वकप जीतने का सपना टूटा लेकिन कुछ ही सालों में वो खिलाड़ी करोडो इंग्लैंड क्रिकेट प्रेमियों का हीरो बन गया और शायद इंग्लैंड को इस दशक में स्टोक्स से बेहतर खिलाड़ी नही मिलेगा।
साल 2019 में बेन स्टोक्स के लिए किसी सपने से कम नहीं रहा है। विश्वकप फाइनल में उनकी 84 रनों की नाबाद पारी शायद ही कोई इंग्लैंडवासी भूल पाए। फाइनल की पारी क्रिकेट डायरी में अमर हो गई। भविष्य में जब भी इंग्लैंड के चैंपियन बनने की कहानी सुनाई जाएगी बेन स्टोक्स उस कहानी के हर पन्ने में मौजूद रहेंगे। विश्वकप में महान पारी खेलने के बाद स्ट्रोक्स ने एक बार फिर अपनी टीम के लिए इतिहास रच दिया और एशेज की क्रिकेट डायरी में अमर हो गए। इंग्लैंड ने लीड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को एक विकेट से मात दी। 359 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लैंड ने 286 रनों पर अपने 9 बल्लेबाज खो दिए थे।
लगा कि ऑस्ट्रेलिया मैच को जीत लेगा लेकिन स्टोक्स के कुछ और ही प्लान थे। उन्होंने अंतिम बल्लेबाज जैक लीच के साथ 76 रनों की साझेदारी कर टीम को एक विकेट से जीत दिला थी। चौकाने वाली ये है कि इस साझेदारी में लीच का योगदान एक रन का था। स्टोक्स ने 219 गेंदों में 135 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी में 11 चौके और 8 छक्के मौजूद थे।
स्ट्रोक्स की पारी ने बनाए कई रिकॉर्ड्स
बेन स्टोक्स और जैक लीच के बीच 10वें विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी हुई, जो टेस्ट मैच की चौथी पारी में दूसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है।इससे पहले 10वें विकेट के इतने अधिक रन बनाने का उदाहरण 2019 में ही था, जब कुसाल परेरा और विश्वा फर्नांडो के बीच 78 रन की साझेदारी हुई थी। इसी साल फरवरी में डरबन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ श्रीलंका को जीत के लिए 304 रन की जरूरत थी और उन्होंने 226 रन पर नौ विकेट गंवा दिए थे। तब इस जोड़ी ने ही श्रीलंकाई टीम को जीत दिलाई।
स्टोक्स की पारी के बदौलत टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड ने अपना आज तक का सबसे बड़ा 359 रनों का लक्ष्य हासिल किया। इससे पहले सर्वाधिक 332 रनों का लक्ष्य इंग्लैंड में हासिल किया था, जो 1928 में मेलबर्न में मैच खेला गया था। वहीं यह किसी भी टीम का संयुक्त रूप से सर्वाधिक स्कोर रहा । इंग्लैंड ने पहली पारी में 67 रन बनाए थे। इससे पहले 1880 में ही तीन बार ऐसे उदाहरण देखने को मिले थे, जब किसी टीम ने एक टेस्ट मैच की एक पारी में काफी कम रन बनाए हो और वह मुकाबला जीत गई हो।
बेन स्टोक्स ने चौथी पारी में नाबाद 135 रन बनाकर इंग्लैंड को जीत दिलाई। इस मामले में सिर्फ दो ही बल्लेबाज स्टोक्स से आगे हैं, जिन्होंने चौथी पारी में सर्वाधिक रन बनाकर इंग्लैंड को जीत दिलाई हो। 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर मार्क बुचर ने नाबाद 173 रन बनाए थे. वही 1895 में जैक ब्राउन ने 140 रन की पारी खेली थी। वहीं चौथी पारी में पांचवें नंबर के बल्लेबाज का यह चौथा सर्वाधिक स्कोर है।