नई दिल्ली: पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में अपनी बल्लेबाजी से आलोचको का मुंह बंद कर दिया। धोनी ने ना सिर्फ टीम को 2-1 से सीरीज जिताई बल्कि वो मैन ऑफ द सीरीज़ भी बनें। तीन मैचों में उन्होंने 193 की औसत से 193 रन बनाए। सिडनी में खेले गए पहले मैच में धोनी ने 93 गेंद में 51 रन बनाकर आउट हो गए और भारतीय टीम ने मैच गंवा दिया तो उनकी बहुत आलोचना हुई। लेकिन इसके बाद अगले दो मैचों में उन्होंने नाबाद 54* और 87* रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई और आलोचकों के मुंह अपने बल्ले से बंद कर दिया।
मैच और सीरीज जीत के बाद स्टंप उखाड़कर अपने साथ ले जाते हुए आपने देखा होगा लेकिन एलईडी स्टंप्स के आने के बाद धोनी गेंद अपने साथ देखकर ले जाते दिखने लगे। ऐसे में शुक्रवार को टीम इंडिया को 87 रन की नाबाद पारी खेलकर 2-1 से सीरीज जिताने के बाद धोनी ने गेंद उठा ली। टीवी पर ऐसा देखकर धोनी के प्रशंसकों को आश्चर्य हुआ।
ऐसे में धोनी जब धोनी बॉल लेकर पवेलियन की ओर लौटे तो उन्होंने टीम के बैटिंग कोच संजय बांगर के हाथों में वो गेंद सौंपी और उनसे कहा, ‘बॉल ले लो नहीं तो बोलेगा कि रिटायरमेंट ले रहा है’। लेकिन लोगों के समझ में ये नहीं आया कि धोनी ने ऐसा क्यों कहा।
साल 2018 में फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे धोनी ने इंग्लैंड दौरे पर भी एक मैच के दौरान इसी तरह मैच के बाद गेंद उठाकर ले आए थे। ऐसे में लोगों ने कयास लगाने शुरु किए कि वो संन्यास ले लेंगे। लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि धोनी ने वो गेंद बॉलिंग कोच को दे दी थी। वो उन्हें मैच के दौरान गेंद की हालत दिखाना चाहते थे।
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लेकिन तब तक संन्यास की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था और टीम के हेड कोच रवि शास्त्री को इस अफवाह का खंडन करना पड़ा था। एक साल के अंतराल में दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी प्रशंसकों को ऐसा ही देखने को मिला तो धोनी ने बांगर के साथ मजाक करते हुए उस घटना की याद ताजा कर दी। और यह भी साफ कर दिया कि वो फिलहाल संन्यास नहीं ले रहे हैं।