हल्द्वानीः कैंसर एक ऐसी भयानक बीमारी है जिससे बचना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन एक ऐसा युवा भी है जिसने कैंसर को मात दे दी है। जी हां, 18 साल का कमल कन्याल कैंसर से जंग जीत ली है। सिर्फ 15 साल में कमल को कैंसर हो गया था लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। जिस प्रकार युवराज सिंह ने कैंसर से लड़कर मैदान में वापसी करके कई रिकोर्ड बनाए थे। ठीक उसी तरह कमल ने भी कैंसर से लड़कर कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे पूरे राज्य को उसपर गर्व है।
बता दें कि कमल का चयन वीनू मांकड़ ट्रॉफी के लिए हुआ है। कमल कन्याल मूल रूप से ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज के ग्राम नलई का रहने वाला है। उसके पिता उमेश कन्याल आर्मी से सेवानिवृत्त हैं। वे परिवार समेत गौलापार के कुंवरपुर में रहते हैं। कमल हल्द्वानी के कोल्ट्स क्रिकेट एकेडमी में कोच मनोज भट्ट की देखरेख में ट्रेनिंग ले रहा है। वहीं कमल केंद्रीय विद्यालय हल्द्वानी में इंटर की पढाई कर रहा है।
कमल कन्याल ने 2013-14 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। बाएं हाथ के टॉप आर्डर बल्लेबाज कमल को करीब एक साल बाद ब्लड कैंसर का पता चला। कैंसर का पता चलने के बाद परिवार ने नोएडा में उसका इलाज करावाया। लेकिन वो कहते हैं ना अगर आर किसी चिज की चाह रखो तो वो आपको जरुर मिलती है। कमल न कैंसर पर जीत हासिल कर दूबारा क्रिकेट में वापसी की और 2018 में वीनू मांकड़ ट्रॉफी में अपने हुनर से लोहा मनवाते हुए टीम में अपना स्थान पक्का किया। इसी दौरान कमल ने एक अर्द्धशतक भी जड़ा।
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