देहरादूनः उत्तराखंड में क्रिकेट जहां नई बुलंदियो को छू रहा है। वहीं उत्तराखंड क्रिकेट सेलेक्शन को लेकर एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर दिया है। राज्य के युवा जहां देश के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखते हैं और कड़ी मेहनत करके टीम में अपनी जगह पक्की करते हैं। ऐसे में क्रिकेटर्स का सेलेक्शन करने वाली संस्था पर खिलाड़ियों से चयन के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है।
बता दें कि हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के धारीवाला गांव के रहने वाले एक युवा क्रिकेटर के पिता का आरोप है कि उनके बेटे को विजय हजारे ट्रॉफी की स्टेट क्रिकेट टीम में सेलेक्शन के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। पीड़ित का नाम राजकुमार चौहान है। पिता का कहना है कि बीते 27 अगस्त को विजय हजारे ट्राफी के लिए ट्रायल हुए थे। ट्रायल के बाद उन्हें क्रिकेट से जुड़ी एक संस्था के पदाधिकारी का फोन आया। उन्हें बताया गया कि उनके बेटे का चयन हो गया है। इसके बाद उनके बेटे को देहरादून के राजीव गांधी स्टेडियम आने को कहा गया।
जब बेटा राजीव गांधी स्टेडियम पहुंचा तो उसे वापस भेज दिया गया। इसके बाद पिता ने पदाधिकारी को फोन किया तो उसने कहा कि वो उनसे हरिद्वार में मिलेगा। हरिद्वार आने पर पदाधिकारी ने उनसे कहा कि टीम में सेलेक्शन के लिए उनके बेटे को 5 लाख रुपये देने होंगे। यह बात सुनकर पिता ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दे दी। एसएसपी हरिद्वार मामले की जांच कर रहे हैं।
उत्तराखंड क्रिकेट को मान्यता मिले अभी कुछ ही समय हुआ है लेकिन मान्यता मिलते ही घूसखोरी शुरु हो गई है। उत्तराखंड क्रिकेट में लगे इस दाग के बाद पूरे राज्य में खलबली मच गई है। आज राज्य का युवा क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए दिन रात मेहनत करता है। और सपना देखता है कि राज्य के लिए खेलकर राज्य का नाम रोशन करें। लेकिन अगर टेंलेट के दम पर किसी खिलाड़ी का चयन नही होता है और उससे रिश्वत मांगी जाती है तो वह पूरी तरह टूट जाता है।