नई दिल्ली: भारतीय टीम का लंबे वक्त तक हिस्सा रहे दिनेश मोंगिया ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। मोंगिया नेटवेस्ट ट्रॉफी और 2003 विश्वकप में टीम के सदस्य रहे थे। उन्होंने साल 2001 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था और आखिरी मुकाबला राहुल द्रविड की कप्तानी में 12 मई 2007 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। मोंगिया की एक पारी आज भी क्रिकेट फैंस को याद है। साल 2002 में जिम्बावे भारतीय दौरे पर थी। पांचवे वनडे में दिनेश मोंगिया ने 159 रनों की नाबाद पारी खेली थी। यह उनका वनडे क्रिकेट में बेस्ट स्कोर भी है। मोंगिया के वनडे करियर पर नजर डालें तो 57 मैच खेले जिसमें उन्होंने 27.95 की औसत से 1230 रन बनाए।
मोंगिया के क्रिकेट करियर उस वक्त अंधेरे की ओर चला गया जब उन्होंने आईसीएल में खेलने का फैसला किया। बता दें कि इस लीग को बीसीसीआई ने बैन किया हुआ था। वैसे तो बोर्ड द्वारा आईसीएल के साथ जुड़ने पर प्रतिबंध लगाने वाले अधिकांश खिलाड़ियों को माफी दी गई थी, लेकिन मोंगिया अकेले क्रिकेटर बने रहे जो क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाए। मोंगिया को इंग्लैंड में काउंटी खेलने का भी खूब अनुभव रहा है। वो कई टीवी न्यूज चैनल्स में बतौर विशेषज्ञ दिखाई देते हैं।
साल 2003 में खेले गए विश्वकप के 15 खिलाड़ियों में से 13 भारतीय खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इस लिस्ट में हरभजन सिंह और पार्थिव पटेल ही ऐसे खिलाड़ी है जो अभी भी क्रिकेट खेल रहे हैं। साल 2003 विश्वकप में भारत 20 साल बाद फाइनल में पहुंचा था। फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया से 125 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।