हल्द्वानी: देवदत्त पडिक्कल का नाम आईपीएल सीजन 13 के शुरू होने से पहले खूब सुर्खियों में था। युवा बल्लेबाज को आईपीएल-12 सीजन में आरसीबी ने अपनी टीम में शामिल तो किया था लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। देवदत्त पडिक्कल ने पिछले साल 2019 के घरेलू सीजन में खूब रन बनाए। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 175 के स्ट्राइक रेट से 12 मुकाबलों में 580 रन बनाए। इससे पहले उन्होंने अपनी काबियत विजय हजारे में दिखाई थी। कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने 13 मुकाबलों में 59 से ज्यादा की औसत से 650 रन बनाए।
देवदत्त पडिक्कल अच्छी फॉर्म में थे और इसका फायदा उन्होंने आईपीएल-13 में मिला। कप्तान विराट कोहली ने बिना संकोच किए सीनियर बल्लेबाज पार्थिव पटेल को सीजन के पहले मैच में बाहर बैठाया और देवदत्त पडिक्कल को मौका दिया। सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ उन्होंने डेब्यू फिफ्टी जमाई। आईपीएल में अपने डेब्यू में किसी भारतीय खिलाड़ी ने 10 सालों के बाद फिफ्टी जमाई। साल 2010 में केदार जाधव और अंबाती रायडू ने फिफ्टी जमाई थी। देवदत्त से पहले 17 बल्लेबाज यह कारनामा कर चुके हैं।
अपने डेब्यू मुकाबले में पडिक्कल ने खुलकर स्ट्रोक्स खेले। ऐसा लगा ही नहीं की वह डेब्यू मैच खेल रहे हैं। पडिक्कल ने अभिषेक शर्मा की गेंद पर चौका लगाते हुए फिफ्टी पूरी की। वे 36 गेंदों में 8 चौकों की मदद से अर्द्धशतक तक पहुंचे। वे 42 गेंदों में 8 चौकों की मदद से 56 रन बनाकर विजय शंकर की गेंद पर बोल्ड हुए। पडिक्कल के लिए डेब्यू मैच हमेशा से यादगार रहा है।
घरेलू क्रिकेट के तीनों प्रारूप में ( रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ) में उन्होंने अपने पहले मैच में फिफ्टी जड़ी है। घरेलू क्रिकेट में अब तक वह तीन शतक और 20 फिफ्टी जड़ चुके हैं। पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन के बाद फैंस की इस युवा से काफी उम्मीदें बढ़ गई है। अगर उनका यह सीजन अच्छा जाता है तो कहना गलत नहीं होगा कि वह भारतीय टीम में एंट्री के लिए अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं।