नई दिल्ली: क्रिकेट भारत में धर्म की तरह पूजा जाता है। टीम इंडिया के खिलाड़ी फैंस के लिए भगवान हैं। टीम इंडिया जब भी कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतती है तो देश का माहौल किसी पर्व जैसा होता है। साल 2011 विश्वकप की जीत अभी भी Indian Cricket Fans को याद है। विश्वकप फाइनल में धोनी का वो छक्का भारतीय क्रिकेट डायरी में अमर हो गया है। वहीं जिस गेंदबाज की गेंद पर वो छक्का धोनी ने मारा था उसका नाम भी रोज Indian Cricket Fans की जुबान पर आता है। हम बात कर रहे हैं श्रीलंका के नुवान कुलसेकरा की। नुवान कुलसेकरा ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है।
नुवान कुलसेकरा वनडे के नंबर वन गेंदबाज भी रह चुके हैं। उन्होंने फेयरवेल मैच खेलने की इच्छा जताई थी, खेल मंत्रालय ने उसे हरी झंडी दे दी थी लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में नहीं लिया। इसके बाद उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया। नुवान कुलसेकरा ने श्रीलंका के लिए 21 टेस्ट, 184 वनडे और 58 टी20 खेले हैं। इन मैचों में नुवान कुलसेकरा ने 48, 199 और 66 विकेट अपने नाम किए हैं। इसके अलावा इन तीनों फॉर्मेट में उन्होंने करीब 2000 इंटरनेशनल रन भी बनाए हैं।
21 साल की उम्र में साल 2003 में दामबुल्ला में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। अपने वनडे डेब्यू में नुवान कुलसेकरा ने 19 रन देकर 2 विकेट झटके थे। 37 वर्षीय नुवान कुलसेकरा ने जुलाई 2017 में आखिरी वनडे मैच खेला था। इसके बाद उनका सलेक्शन नहीं हुआ। इसके अलावा वे एक सड़क दुर्घटना के मामले में जेल भी चले गए।
हालांकि, बाद में उन्हें बेल मिल गई और बाहर आ गए, लेकिन श्रीलंकाई टीम में जगह हासिल नहीं कर पाए। स्विंग बॉलिंग के माहिर माने जाने वाले नुवान कुलसेकरा आइसीसी की वनडे रैंकिंग में नंबर वन गेंदबाज भी रहे हैं। इसके अलावा अपनी शानदार गेंदबाजी की बदौलत उन्होंने साल 2009 में आइसीसी वर्ल्ड ODI टीम ऑफ द ईयर में भी जगह बनाने में सफलता हासिल की थी।