नई दिल्ली:क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ी का प्रदर्शन ही उसे मुकाम देता है। कोई दिन अच्छा हो तो वो हीरो होता है और कभी जीरो। ऐसा ही भारत के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ हुआ। साल 2018 से ऑस्ट्रेलिया दौरे तक पंत ने शानदार प्रदर्शन किया। पूरा भारत उन्हें महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी कहने लगा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में पंत फ्लॉप रहें।
ना बल्ले से कमाल कर सके ना ही विकेट के पीछे उन्हें उनका जादू दिखा। विकेट के पीछे उनसे कुछ मौके छूटे तो फैंस ने मैदान पर धोनी-धोनी कहना शुरू कर दिया। एक युवा खिलाड़ी के मनोबल के लिए यह काफी नकारात्मक था। ऑस्ट्रेलिया भारत को घरेलू वनडे सीरीज़ में 3-2 से हराने में कामयाब रहा। फैंस के निशाने पर ऋषभ पंत रहे।
पंत तब से टीम इंडिया में आए है उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से होती रही है। धोनी के साथ तुलना पर उन्होंने कुछ कहा है। पंत ने कहा- मैं खिलाड़ी के तौर पर अपनी तुलना के बारे में नहीं सोचता। मैंने उनसे (धोनी) बहुत कुछ सीखा है। वह इस गेम के लीजैंड है। मैं नहीं चाहता कि लोग मेरी तुलना उनसे करें लेकिन मैं उन्हें रोक नहीं सकता। मैं उनके काफी नजदीक हूं मैं उनसे हर बात करता हूं जिससे मैं ऑन और ऑफ फील्ड खुद के प्रदर्शन में सुधार ला सकूं।पंत ने कहा- सीरीज दौरान मुझे कोहली और धोनी से बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने उनसे सीखा कि कैसे अनुशासन में रहकर प्रैशर को झेलते हैं। कैसे दूसरों की गलतियों से सीखते हैं और अपना खेल सुधारते हैं।
पंत के ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से पहले विश्वकप टीम का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन सीरीज में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा तो अब उनके नाम पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। पंत फिलहाल आईपीएल की तैयारी में जुटे हुए है। पिछला आईपीएल उनके लिए शानदार रहा था। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के चलते उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाई थी। अगर पंत का बल्ला आईपीएल-11 वाला कारनामा दोबारा करता है तो वो विश्वकप के लिए अपनी उम्मीदों को जिंदा कर सकते हैं।