हल्द्वानी: इंदौर टेस्ट की शुरुआत भारतीय बल्लेबाज और फैंस के लिए एक बुरे सपने की तरह हुई। भारत की पूरी टीम ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के सामने केवल 109 रन ही बना पाई। जिस पिच को रैंक टर्नर कहा जा रहा था वहां पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने 156 रन बना दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट जरूर गिरे हैं लेकिन उसके पास 47 रनों की अहम बढ़त है। तीसरे टेस्ट में जिस तरह के भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों का सामना किया है उसके बाद मुकाबला भारतीय दृष्टिकोण से खतरे में दिखाई दे रहा है। अगर ऑस्ट्रेलिया 100 रनों की लीड हासिल कर लेता है तो भारतीय टीम मुकाबले में काफी पीछे हो जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीन स्मिथ ने इस मुकाबले में तीन स्पिनरों को उतारा और तीनों ने मिलकर 9 विकेट हासिल किए। एक विकेट रन आउट के रूप में हुआ। मैथ्यू कुहनेमन (5 विकेट), नाथन लियोन (3 विकेट) और टॉड मर्फी को एक विकेट मिला। भारत की पहली पारी केवल 33.2 ओवर में 109 रन पर ऑलआउट हो गई। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने दिन का खेल समाप्त होने तक 54 ओवर में 4 विकेट खोकर 156 रन बनाए। पीटर हैंड्सकोंब 7* और कैमरन ग्रीन 6* रन बनाकर क्रीज पर जमे हुए हैं। इंदौर में स्पिनरों का बोलबाला रहा और पहले दिन कुल 14 विकेट गिरे।
इस मुकाबले ने भारत और इंग्लैंड के बीच साल 2021 में खेले गए मुकाबले की याद दिला दी। भारतीय टीम इस सीरीज़़ का मैच इंग्लैंड के हाथों हार गई थी। अहमदाबाद टेस्ट में स्पिनरों को मदद थी। इंग्लैंड की पहली पारी 205 रन पर सिमट गई थी। जवाब में भारत ने भी 146 रनों पर 6 विकेट खो दिए थे। भारत का हाल भी इंग्लैंड जैसा हो गया था लेकिन भारत के स्टार खिलाड़ी ऋषभ पंत ने स्पिनरों का अपना ही अंदाज में सामना किया था। ऋषभ पंत ने ताबड़तोड़ 101 रनों की पारी खेली और मुकाबले को पलट दिया। पंत ने 118 गेंदों में 101 रन बनाए थे। भारत ने इस मुकाबले को अंत में पारी और 25 रनों से जीता था।
इंदौर टेस्ट के बाद फैंस ने ऋषभ पंत को याद किया है। उनका कहना है कि पंत जैसा बल्लेबाज होना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। ऋषभ पंत मुकाबले को बदलना जानते हैं। उनके घायल होने से भारत को नुकसान हुआ है। इंदौर टेस्ट में भी वह अहमदाबाद जैसा कर सकते थे। भारत के पास ऋषभ पंत की तरह खेलने वाला बल्लेबाज होना चाहिए था। इंदौर टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद पंत की चर्चा काफी हो रही है।