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धारचूला की मेनका गुंज्याल ने खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित चैंपियनशिप जीते दो पदक


Uttarakhand Women Success Story: Dharchula Gold & Silver Medal: Uttarakhand Motivation:

जो कोशिश करते हैं जीत या हार से वही मिलते हैं, जो उतरते ही नहीं अपने हौसलों के संग मैदान में, वो भला खुद से भी कभी क्या मिलेंगे। देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र और प्रतिष्ठित धरा पर जन्म लेना हम सभी उत्तराखंड वासियों का सौभाग्य है और अपना यही जीवन जन्मभूमि को समर्पित कर इसका मान बढ़ाना हमारा कर्तव्य। उत्तराखंड के कर्मठ युवा की प्रेरणा के लिए उत्तराखंड वासियों के द्वारा ही स्थापित आयाम आत्मविश्वास को बढ़ाने वाले होते हैं। यहाँ की बेटियाँ और उनकी उपलब्धियों का स्तर इतना ऊँचा उठ चुका है कि अगर इसे देखना भी हो तो देश और दुनिया को खुद अपने सर उठाना पड़ेगा। उत्तराखंड के नाम गोल्ड और सिल्वर मेडल के रूप में उपलब्धि का एक और स्वर्णिम अध्याय लिखने वाली मेनका गुंज्याल को आप भी बधाई दीजिए।

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जी हाँ, धारचूला के गुंजी गांव की बेटी मेनका गुंज्याल ने खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित खेलो इंडिया के चौथे सीजन में दो पदक अपने नाम किए हैं। पर्वतारोही मेनका गुंज्याल ने गुलमर्ग कश्मीर स्कीइंग पर्वतारोहण स्प्रिंट रेस में गोल्ड मेडल और स्की पर्वतारोहण वर्ट रेसिंग 4500 मीटर से अधिक ऊंची पीर पंजाल रेंज में मेनका ने सार्क फिंन स्कीइंग डाउन में सिल्वर मेडल जीता। खेल क्षेत्र में भी सभी के लिए प्रेरणा और सफलता का उदाहरण बन रही उत्तराखंड की बेटियों के बल को मंजू ने भी अपनी उपलब्धि से बढ़त दिलाने का काम किया है।

अपनी बेटी की सफलता से उत्तप्त परिवारजनों ने अपनी ख़ुशी दर्शाते हुए मेनका को अपना आशीर्वाद भी दिया है। इस सफलता से परिवारजनों के साथ क्षेत्र के भी सभी लोग प्रफुल्लित हैं। आपको बता दें कि धारचूला के जिला पंचायत सदस्य ने मेनका की कश्मीर वापसी के बाद जीत की ख़ुशी में उनका धारचूला में नागरिक अभिनंदन करने की बात कही है। मेनका के परिश्रम से उनकी सफलता के बीच उनका दुरूह परिस्थितियों से सामना होने पर भी दत्तचित्त होकर सफलता प्राप्त करना प्रेरणा के साथ-साथ युवाओं के लिए महत्त शिक्षा भी है इसीलिए मेनका का युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम भी जगह-जगह पर आयोजित करने की तैयारी है।

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