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रामनगर की नीलम ने रचा इतिहास, वनडे में दोहरा शतक जमाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनीं


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रामनगर की नीलम भारद्वाज ने बनाया रिकॉर्ड, बनीं सबसे कम उम्र की भारतीय महिला डबल सेंचुरी बनानी वाली खिलाड़ी

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18 साल की नीलम भारद्वाज ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में नागालैंड के खिलाफ सीनियर महिला वन डे ट्रॉफी मैच में अपनी बैटिंग से तहलका मचाया। जब उत्तराखंड महिला टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया, तो नीलम ने 137 गेंदों में 202 रन बनाकर रिकॉर्ड कायम किया। इस धमाकेदार पारी में उन्होंने दो छक्के और 27 चौके लगाए, जिससे न केवल अपनी टीम को मजबूत स्कोर दिया बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट में एक नया इतिहास भी रच डाला। उनकी पारी के बदौलत उत्तराखंड ने निर्धारित 50 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 371 रन बनाए। जवाब में नागालैंड की टीम 112 रनों पर सिमट गई और उत्तराखंड ने 259 रनों से मैच अपने नाम कर लिया।

बसी हुई संघर्ष की कहानी
नीलम भारद्वाज का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। कुमाऊं क्षेत्र की रहने वाली नीलम का बचपन रामनगर रेलवे स्टेशन के पास स्लम में बीता। उनके पिता, नरेश भारद्वाज एक दिहाड़ी मजदूर थे और घर की एकमात्र कमाने वाली शख्सियत थे। लेकिन 2020 में एक प्लाईवुड फैक्ट्री में हुए हादसे में उनके पिता का निधन हो गया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई। इस कठिन समय में क्रिकेट उनके जीवन का सहारा बना।

प्रारंभिक संघर्ष और उन्नति
नीलम ने 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था और उन्हें शुरुआती दिनों में अपने खर्चे उठाने में मुश्किलें आईं। लेकिन मोहम्मद इसरार अंसारी की मदद से उनकी क्रिकेट यात्रा शुरू हुई। 12 साल की उम्र में, वह अंडर-19 ट्रायल्स में शामिल हुईं और बाद में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं की नजरों में आईं। इस प्रकार उनका क्रिकेट करियर लगातार तरक्की करता गया।

भविष्य में और बड़ी सफलता की उम्मीद
नीलम भारद्वाज की डबल सेंचुरी ने उन्हें राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में एक अहम नाम बना दिया है। अगर उनके प्रदर्शन से संकेत लिया जाए, तो यह निश्चित ही आखिरी बार नहीं होगा जब उनका नाम बल्लेबाजी की किसी बड़ी उपलब्धि के साथ सामने आएगा।

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