Rishabh Pant: Century: Test Matches: भारत ने चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश को 280 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की। इस मुकाबले में भारतीय टीम के तीन बल्लेबाजों ने शतक जमाए, जिसने भारत की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। पहली पारी में रविचंद्रन अश्विन के शतक ने मैच में भारत की वापसी कराई, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का धमाकेदार प्रदर्शन।
ऋषभ पंत ने अपनी वापसी को यादगार बनाते हुए टेस्ट करियर का छठा शतक जड़ा, और इस शतक के साथ उन्होंने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया। पंत की इस पारी ने उन्हें भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी पर ला खड़ा किया है। धोनी ने अपने टेस्ट करियर में 90 मैचों में 6 शतक बनाए थे, जबकि पंत ने महज 34 टेस्ट मैचों की 58 पारियों में ही ये उपलब्धि हासिल कर ली।
पंत के लिए यह मैच कई मायनों में खास था, क्योंकि वह 629 दिनों के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रहे थे। उनकी वापसी की शुरुआत हालांकि अच्छी नहीं रही, क्योंकि पहली पारी में वह कुछ खास योगदान नहीं दे पाए थे। लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अपने अंदाज में खेलते हुए शानदार शतक लगाया, जिससे भारतीय टीम को मजबूती मिली। पंत की इस पारी ने यह भी साबित कर दिया कि वह अपनी पुरानी लय में लौट चुके हैं और भविष्य में टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने रहेंगे।
पंत के आंकड़ों पर नज़र डालें तो उन्होंने अब तक 34 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 6 शतक जड़े हैं। इसके अलावा, वह 5 बार नर्वस नाइंटीज़ में आउट हो चुके हैं, जो दर्शाता है कि वह बड़े स्कोर बनाने में माहिर हैं। उनकी तुलना धोनी से की जाए तो धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 6 शतक लगाए थे, और पंत ने उन्हें काफी कम मैचों में यह आंकड़ा छू लिया है।
ऋषभ पंत का यह प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर आगामी सीरीज में, जहां भारतीय टीम को उनके अनुभव और आक्रामकता की जरूरत होगी। पंत की इस पारी ने न केवल भारतीय टीम की जीत में योगदान दिया, बल्कि उनकी व्यक्तिगत फॉर्म और आत्मविश्वास में भी बड़ा इजाफा किया है।