हल्द्वानी: ब्रिसबेन टेस्ट जीत के बाद पूरा क्रिकेट जगत ऋषभ पंत की बात कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 328 रनों का लक्ष्य दिया था। भारत मुकाबले को ड्रॉ के लिए भी खेल सकता था लेकिन इस टीम ने इतिहास रचने का फैसला कर लिया था। जो काम शुभमन गिल की 91 रनों की पारी ने शुरू किया था उसे अंजाम तक पंत की 89 रनों की नाबाद पारी ने पहुंचाया।
भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम किया है। इस मैच में पंत ने कुछ रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। गाबा टेस्ट के आखिरी दिन टीम इंडिया के तीन विकेट गिरने के बाद क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए पंत ने 59वें ओवर में पैट कमिंस के खिलाफ दो रन लेकर 1000 टेस्ट रन पूरे किए।
ऋषभ पंत भारत की ओर से बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज सबसे तेज हजार रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम था। यह रिकॉर्ड इसलिए भी खास बन जाता है क्योंकि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और यही पर पंत उनसे आगे निकले हैं। धोनी ने साल 2014 में मेलबर्न टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी। वह सीरीज़ भारत 2-0 से हारा था।
पिछले 10 सालों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा औसत पंत की ही है। इस लिस्ट में वह दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों से भी आगे हैं। पंत ने 27 टेस्ट मैच पारियों में 1,000 रन पूरे किए हैं, जबकि धोनी ने 32 पारियों में ये कीर्तिमान हासिल किया था। इस सूची में तीसरे स्थान पर फारुख इंजीनियर (36 पारी), चौथे स्थान पर ऋद्धिमान साहा (37 पारी), और पांचवें स्थान पर नयन मोंगिया (39) हैं।
पंत के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा एक संजीवनी की तरह रहा है। फैंस को उम्मीद है कि पंत अपने इस जलवे को बरकरार रखेंगे और आने वाले दिनों में टीम इंडिया को इस तरह के कई मुकाबले जिताएंगे। पंत ने सिडनी में भी 97 रनों की पारी खेली थी और उसी पारी ने भारतीय टीम को जीतने व लड़ने का भरोसा दिया था।