उत्तराखंड क्रिकेट टीम में एंट्री के लिए दस्तावेजों में गड़बड़ू करना एक खिलाड़ी के लिए महंगा साबित हुआ है। अंडर-23 टीम के खिलाड़ी चेतन रतूड़ी पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के जन्मप्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगा है। बीसीसीआई ने उनके द्वारा की गई गड़बड़ी को पकड़ा है और दो साल का बैन लगा दिया है। अब चेतन आने वाले दो सालों में बीसीसीआई द्वारा आयोजित कोई भी घरेलू मुकाबला नहीं खेल पाएंगे। इस बारे में बोर्ड ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड को मेल कर जानकारी दे दी है।
बीसीसीआई ने मेल में बताया है कि चेतन रतूड़ी कुछ वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश की टीम से खेल चुके हैं। उस दौरान उन्होंने खुद को मेरठ का बताते हुए जन्म प्रमाणपत्र जमा कराया था। वर्ष 2019-20 सीजन में उन्होंने उत्तराखंड की टीम से खेलने के लिए चमोली जिले से जन्म प्रमाणपत्र जमा कराया है। दो अलग-अलग राज्यों का जन्म प्रमाणपत्र जमा कराना नियमों का उल्लंघन है।
बीसीसीआई ने सीएयू को चेतन के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध की जानकारी दे दी है। इस बारे में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और सीएयू सचिव महिम वर्मा ने कहा कि चेतन रतूड़ी के जन्म प्रमाणपत्र दो अलग-अलग राज्यों के मिले हैं। जिसकी वजह से उन्हें दो साल का बैन लगा दिया गया है। बता दें कि पिछले एक साल में उत्तराखण्ड के करीब आधा दर्ज खिलाड़ियों के खिलाफ दस्तावेजों में गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं और उनपर दो साल का बैन लगाया गया है।